दो कारोबारियों की गिरफ्तारी होगी जल्द, अग्रिम जमानत खारिज
बिलासपुर। अंबिकापुर में राजस्व मंडल के कूटरचित आदेशों के आधार पर भूमि फर्जीवाड़ा के मामले में हाईकोर्ट ने दो कारोबारियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस मामले में सरगुजा कलेक्टर ने जांच के बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।आरोपियों अशोक अग्रवाल और घनश्याम अग्रवाल ने गिरफ्तारी से बचने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अपराध की गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।
कलेक्टर विलास भोस्कर के निर्देश पर तहसीलदार अंबिकापुर ने जांच के दौरान पाया कि राजपुर निवासी अशोक अग्रवाल और प्रेमनगर सूरजपुर निवासी घनश्याम अग्रवाल ने राजस्व मंडल के कूटरचित आदेशों का उपयोग कर जमीन कब्जाने का प्रयास किया। जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपियों द्वारा प्रस्तुत आदेश और राजस्व मंडल के असली आदेशों में कई भिन्नताएं थीं।
सितंबर 2024 में कलेक्टर सरगुजा ने इन फर्जी आदेशों के आधार पर कार्रवाई करते हुए संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। अशोक अग्रवाल और घनश्याम अग्रवाल के खिलाफ थाना कोतवाली अंबिकापुर में भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 338, 336(3) और 340(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने अपराध की प्रकृति और केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार तहसीलदार ने कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर चार आदेशों की प्रामाणिकता की जांच की थी, जिनमें से दो आदेश आरोपियों से संबंधित थे। जांच में यह निष्कर्ष निकला कि असली आदेशों में छेड़छाड़ की गई थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि आरोपियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज स्पष्ट रूप से कूटरचित हैं। यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।