ऑनलाइन सट्टा: महादेव एप के सटारियों पर पुलिस का एक्शन लगातार जारी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर/तिल्दा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद ऑनलाइन सट्टे पर लगातार कार्रवाई जारी है। रायपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में कई सटोरियों को गिरफ्तार किया है। इस बीच सोमवार को भी कार्रवाई की गई है। बताया गया है कि राजधानी के फार्म हाउस में क्रिकेट मैच में कुछ लोग दांव लगा रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने रेड मारी और 6 सटोरियों को गिरफ्तार किया है। मामला तिल्दा थाना क्षेत्र का है।
पुलिस को जानकारी मिली थी कि तिल्दा इलाके के एक फार्म हाउस में ऋषभ पोपटानी सट्टा खिलवा रहा है। इसी आधार पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और 6 लोगों को पकड़ा गया है। यहां लंबे समय से ये कारोबार चल रहा था। पुलिस ने यहां से ऋषभ पोपटानी, पीयूष वाधवानी, नीरज लेखवानी, आकाश कुमार सोनी, राजेश सोनी और गोपी मानिकपुरी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने मौके से 10 मोबाइल, 3 लैपटॉप, 01 वाईफाई, 01 कैलकुलेटर जब्त किया है। इसके अलावा आरोपियों द्वारा जिस-जिस बैंक खाता में ऑनलाइन पैसा लिया जाता था, उसे खाते को ही सीज कर दिया गया है। कुल मिलाकर 11 लाख से ज्यादा की राशि जब्त की गई है।आरोपियों के बैंक खाते को चेक करने पर अब तक आरोपियों द्वारा करोड़ों रुपए का लेखा-जोखा भी पुलिस को मिला है।
चकरभाठा पुलिस ने आनलाइन सट्टे के ब्रांच हेड को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से एक लैपटाप, चार मोबाइल, नकदी रकम जब्त किया है। वहीं, बैंक एकाउंट में एक लाख 35 हजार स्र्पये होल्ड कराए गए हैं। सटोरियों से पूछताछ में उनके दुबई कनेक्शन का पता चला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बीते दिनों चकरभाठा पुलिस ने आनलाइन सट्टा एप महादेवा और रेड्डी अन्ना के चार सटोरियों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर सटोरियों को किराए पर बैंक एकाउंट देने वालों को भी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 200 से अधिक बैंक एकाउंट में 55 लाख स्र्पये होल्ड कराए गए हैं। मामले की जांच में पता चला कि चकरभाठा में रहने वाला जगदीप सिंह(37) महाराष्ट्र के पुणे से सट्टे का ब्रांच चलाता है। वहीं, चकरभाठा निवासी रोहित गिदवानी(30) भी सट्टे के कारोबार से जुड़ा है। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसमें पता चला उन्होंने मोटी रकम देकर ब्रांच लिया है। पुलिस ने आरोपित युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
इंफार्मेशन टेक्नोलाजी में इंजीनियर है आरोपित
आरोपित जगदीप सिंह ने 2007 में इंफार्मेशन टेक्नोलाजी में इंजीनियरिंग की है। इसके बाद वह सट्टे के कारोबार से जुड़ गया। बीते दिनों वह आनलाइन सट्टे के कारोबार से जुड़ गया। उसने पूछताछ में बताया कि सौरभ और रवि नाम के युवक एजेंट बनाते हैं। दोनों सट्टे की कमाई का 69 प्रतिशत खुद रखते हैं। 12 प्रतिशत ब्रांच वालों को दिया जाता है। गुजरात के राजकोट में रहने वाले राकेश राजदेव ने उन्हें 11 प्रतिशत कमिशन में ब्रांच दिलवाया है। ऊपर से ब्रांंच दिलवाने वाले को कमाई का आठ प्रतिशत रकम दिया जाता है।
ऐसे चलता है पूरा सिस्टम
आनलाइन सट्टे के इस पूरे कारोबार में सबसे निचला हिस्सा ब्रांच होता है। यहां पर छह लोगों की टीम काम करती है। इनके पास तीन लैपटाप, छह बैंक एकाउंट और 10 से 12 मोबाइल होता है। हर ब्रांच के ऊपर एक चेकर होता है। एक चेकर पांच ब्रांच को संभालता है। चेकर के ऊपर हेड आफिस है। यह आफिस दुबई से संचालित हो रहा है।
ऑनलाइन गेमिंग पर छत्तीसगढ़ में भी बनेगा सख्त कानून
तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान और असम जैसे राज्यों के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ में भी ऑनलाइन गेमिंग रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। विधि विभाग ने इन राज्यों के कानून का अध्ययन शुरू कर दिया है। इस आधार पर नए कानून का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। अब ऐसा कानून बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग चलाने और खेलने पर सख्त कार्रवाई हो सके। अभी तक इस तरह के केस में आरोपी आसानी से थाने से ही छूट जाते हैं। लेकिन नया कानून बनने के बाद यह अपराध गैर जमानती होगा। इसमें जेल के साथ बड़ा जुर्माना वसूल किया जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग करने वालों की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। प्रदेश में 3/4 और 13 जुआ एक्ट में कार्रवाई की जाती है। घर या भवन के भीतर कवर्ड कैंपस पर जुआ खेलने पर 3/4 जुआ एक्ट पर कार्रवाई होती है। इसमें 600 रुपए जुर्माना और 1 साल तक की सजा है। जबकि सार्वजनिक जगह पर खेलने पर 13 जुआ एक्ट पर कार्रवाई की जाती है। इसमें भी 500 रुपए तक जुर्माना और 6 से 1 साल कारावास की सजा है।
कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस में सीएम भूपेश बघेल ने अफसरों से सख्ती से कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग को रोकने के लिए कड़ा कानून हर हाल में बनना चाहिए। इसके बाद ही यह कवायद शुरू की गई है। अफसरों की मानें तो छत्तीसगढ़ का कानून उसी तरह का हो सकता है, जैसा अभी तेलंगाना में है। ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा रोकने के लिए वहां के कानून में जो भी प्रावधान हैं, उनका ब्योरा मंगवा लिया गया है। गौरतलब है, तेलंगाना देश का पहला राज्य है, जहां 2017 में ही गेमिंग अधिनियम लागू किया गया है। राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर कार्रवाई के लिए अभी अलग से कोई नियम नहीं है। इसे वैध करने का भी कोई कानून नहीं बनाया गया है, जिसमें लाइसेंस जारी किया जा सके। जुआ, सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग पर पुलिस जुआ एक्ट में कार्रवाई करती है। यह धाराएं ऐसी होती हैं कि आरोपी थाने से ही छूट जाता है। यही वजह है कि सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस नया कानून गेमिंग एक्ट बना रही है। इसके लिए आईटी एक्ट में संशोधन करने केंद्र सरकार को चि_ी लिखी जाएगी।
जूस-टायर के कारोबारी बन गए सट्टा किंग
आनलाइन गेमिंग एप महादेव बुक के मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर,रवि उप्पल,कपिल चेलानी और अतुल अग्रवाल वैसे तो रायपुर,दुर्ग और रायगढ़ के रहने वाले है लेकिन पिछले चार सालों से दुबई में रहकर बकायदा वहां की नागरिकता हासिल कर चुके है। चारों बड़े खाइवालों ने रायपुर से सट्टे का कारोबार शुरूआत कर मुंबई पहुंचे फिर वहां से कारोबार को फैलाते हुए दुबई चले गए।
आज देशभर में महादेव बुक का सलाना कारोबार 35 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है। चारों के स्वजन छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में रह रहे हैं। इनके खिलाफ तेलीबांधा पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया लेकिन अब गिरफ्तारी कैसे होगी इसे लेकर पुलिस अधिकारी मंथन कर रहे है,क्योंकि जब तक संचालकों की गिरफ्तारी नहीं होगी गेमिंग एप पहले की तरह चलता रहेगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि चारों खाइवाल दुबई से जश्न मनाकर देश तो लौटे लेकिन जैसे ही साथियों के लगातार पकड़े जाने की जानकारी मिली कुछ दिन महानगरों में छिपने के बाद वापस दुबई लौट गए। हालांकि इसकी पुष्टि अफसरों ने नहीं किया है।
कुछ साल पहले भिलाई में रहकर जूस और टायर की दुकान चलाने वाले दो युवक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल आज अरबों रुपए के मालिक है। कानून में जुआ एक्ट की धाराए जमानती हैं। लचर कानून का फायदा उठाकर ये लोग देश के नागरिकों को चूना लगा रहे है। पुलिस अब तक इन दोनों को कानून के कटघरे में लाने के लिए लुक आउट नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है। सौरभ व रवि ने कोरोना काल के दौरान महादेव बुक और रेड्डी अन्ना नाम का एक एप तैयार किया। इस एप के माध्यम से लोग आनलाइन सट्टा खेल सकते है। एप इतना ज्यादा सफल हुआ कि छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देशभर के लाखों लोग इससे जुड़ गए और आज के समय में एक ही दिन में करोड़ों रुपए का कारोबार हो रहा है। इस काली कमाई से आरोपियों ने तो साम्राज्य खड़ा कर लिया है किंतु कई परिवार तवाह हो गए है। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल यहां की पुलिस की पहुंच से दूर दुबई में बैठकर आनलाइन सट्टा का संचालन कर रहे है। दोनों इतने शातिर है कि दुबई के समुद्री सीमा से दूर एक याट पर रहते है। सौरभ चंद्राकर की भिलाई के नेहरू नगर में जूस फैक्ट्री नाम की दुकान है। वहीं रवि उप्पल दक्षिण गंगोत्री सुपेला में टायर की दुकान चलाता था।