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बीजापुर। इन्द्रावती टायगर रिजर्व के अन्तर्गत आने वाले पामेड़ अभ्यारण क्षेत्र में 23 जनवरी को सीआरपीएफ जवानों द्वारा सर्चिंग के दौरान जंगल में लावारिस हालत में हिरण के दो छोटे बच्चे पाए गए, जिन्हें रेस्क्यू कर सीआरपीएफ कैम्प में लाकर डॉक्टर की निगरानी में सुरक्षित रखा गया। इसकी सूचना सीआरपीएफ ने इन्द्रावती टायगर रिजर्व प्रबंधन को दी। जिसके बाद परिक्षेत्र अधिकारी सुबोध झा अपने स्टॉफ के साथ तत्काल सीआरपीएफ कैम्प पामेड़ पहुंचकर हिरण के दोनों बच्चों को अपने अधीन लेकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया। 24 जनवरी को हिरण के दोनों बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अन्तर्गत वन्यप्राणी प्रजनन केन्द्र कुटुमसर को सौंपा गया। हिरण के दोनों बच्चों की पहचान मादा के रूप में की गई है। इस कार्य में अमृतेश कुमार चौधरी डिप्टी कमांडर एवं डॉ.राहुल कुमार 204 कोबरा बटालियन पामेड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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