रायपुर। गांधी जयंती के मौके पर रविवार को राजधानी में आदिवासियों के डेढ़ दर्जन से अधिक सामाजिक संगठनों ने रैली निकाली। इसके लिए कार्यकर्ता सुबह से ही रायपुर के पहुंचने लगे थे। इन संगठनों ने एक पर्चा जारी कर अपने रायपुर आने की वजह बताई है। इसके अनुसार अबूझमाड़ क्षेत्र में आदिवासियों को जबरन विस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर्चे में दावा किया गया है कि सरकार ने बेरहबेड़ा, कचेपाल, मोंहदी, गरपा और कई जगहों पर पुलिस कैंप के लिए सैकड़ों एकड़ जमीन ली गई है।और पेड़ों की कटाई भी कर दी गई है। यह सब पेसा का उल्लंघन करते हुए बिना ग्रामसभा की अनुमति के किया गया है। इस पर्चे में कहा गया है कि अबूझमाड़ के इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कई गांवों में असमय मौतें हो रही हैं।
अबूझमाड़ के इलाके में मूलभूत सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। इसमें आगे कहा गया है कि पाँचवीं अनुसूची का इलाका होने के बावजूद माड़ के इलाके में बिना ग्राम सभा के जमीन ली जा रही है। इसके अलावा वहां पर बिना ग्राम सभा से सहमति लिए खनन का काम भी हो रहा है।
आज की रैली में छत्तीसगढ़ के 20 से ज्यादा आदिवासी संगठन शामिल रहे। इस रैली में बस्तर के अलावा सरगुजा और छत्तीसगढ़ के कई और जिलों से भी लोग शामिल हुए।