छत्तीसगढ़

दुर्ग और बिलासपुर में धुलकर आगे बढ़ेगी ट्रेनें, स्थापित की गई आटोमेटिक वाशिंग प्लांट

Nilmani Pal
23 Aug 2023 7:53 AM GMT
दुर्ग और बिलासपुर में धुलकर आगे बढ़ेगी ट्रेनें, स्थापित की गई आटोमेटिक वाशिंग प्लांट
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रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में इस मानवरहित कोच वाशिंग प्लांट को सबसे पहले बिलासपुर मंडल के कोचिंग डिपो में लगाया गया,जिससे पानी समय और मैनपावर की बचत हो रही है. इस आधुनिक कोच वाशिंग प्लांट की सहायता से न केवल पानी की बचत हो रही है, बल्कि ट्रेन के कोचों की धुलाई भी शानदार तरीके से हो रही है, जिससे कोच चंद घंटो में चमक जाते हैं. इससे पहले मैन्युअली ट्रेन के एक कोच को धोने के लिए 1500 लीटर पानी की जरूरत होती थी, लेकिन ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट से केवल 300 लीटर पानी में पूरी कोच धुल जाती है.

वही इस 300 लीटर पानी में भी 80% रीसाइकिल्ड पानी होता है और प्रतिदिन प्रति कोच धोने के लिए ताजा पानी केवल 60 लीटर ही लगता है . इससे 96% पानी की बचत होती है यानि कि सालाना 1.28 करोड़ लीटर पानी की बचत हो सकेगी.वही यह प्लांट रोजाना लगभग 300 कोचों की सफाई कर सकता है.प्लांट से पहले दर्जनों लोग एक ट्रेन को धोने में घंटों का समय लगाते थे. लेकिन अब ऑटोमैटिक मैकेनाइज्ड क्लीनिंग सिस्टम पर बेस्ड यह प्लांट घंटों का काम मिनटों में कर देता है. 24 डिब्बों की ट्रेन को यह प्लांट लगभग 15 मिनट में साफ कर देता है.

ऐसे ही आटोमेटिक वाशिंग प्लांट रायपुर मंडल के दुर्ग कोचिंग डिपो में स्थापित किया गया है जहां महज 7 से 8 मिनट में एक पूरी ट्रेन की धुलाई हो जाती है . नागपुर मंडल के गोंदिया कोचिंग डिपो में भी ऐसी आटोमेटिक कोचिंग वाशिंग प्लांट स्थापित किया गया है .


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