छत्तीसगढ़

तस्करी का हाईवे: अंतर्राज्यीय तस्करों के लिए छग सुरक्षित कॉरिडोर

Nilmani Pal
13 Jan 2022 6:09 AM GMT
तस्करी का हाईवे: अंतर्राज्यीय तस्करों के लिए छग सुरक्षित कॉरिडोर
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  1. सीएम के निर्देश के बावजूद नहीं रूक रही तस्करी
  2. बस्तर से लेकर कोरिया, कवर्धा तक रोज पकड़ा रहा गांजा

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ अब हीरा, मादक पदार्थों से लेकर पशुओं की तस्करी का मुख्य कारिडोर बन गया है। राज्य के हाइवे तस्करों के लिए सुरक्षित रुट साबित हो रहे हैं। सीएम के नशा के सामानों की तस्करी पर सख्ती से लगाम लगाने के निर्देश के बावजूद न सिर्फ सीमा पर बल्कि राज्य के अंदरुनी इलाकों और शहरों में भी गांजे और अन्य मादक पदार्थों की पहुंच आसान बनी हुई है। बस्तर, महासमुंद और रायपुर, कवर्धा, कोरबा और कोरिया होकर उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों को जोडऩे वाली हाइवे पर सख्ती नहीं होने से तस्करों को मादक पदार्थ लाने-ले जाने में किसी तरह की परेशानी सामने नहीं आ रही है। गांजे की खेप के साथ वन्यजीवों के मांस व मवेशियों की तस्करी की जा रही है। जोखिम कम होने से तस्करों ने रायपुर को तस्करी का हब बना लिया है और यहां से गुजरने वाले हाइवे का उपयोग वे तस्करी से माल को यहां से वहां पहुंचाने में कर रहे हैं।

पिछले दिनों कांकेर पुलिस ने 200 किलो गांजा पकड़ा

पिछले दिनों ओडिशा से छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्य प्रदेश गांजा ले जा रहे चार तस्करों को कांकेर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी ग्वालियर के निवासी थे। चारों आरोपी अलग-अलग लग्जरी कार से गांजा की तस्करी कर रहे थे। आरोपियों के पास कुल 200 किलो गांजा बरामद किया गया। बरामद मशरुका की कीमत 50 रुपए आंकी गई थी, जिसमें 20 लाख का गांजा व परिवहन में उपयोग 30 लाख रुपए की तीन कार शामिल थी। कांकेर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ओडिशा से स्वीफ्ट डिजायर, मारुति स्वीफ्ट और तवेरा कार से मध्य प्रदेश तक गांजा की तस्करी हो रही है। इसके बाद कांकेर पुलिस ने रायपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर तीन स्थानों आतुरगांव, कुलगांव एवं घड़ी चौक में चेक पोस्ट लगाकर संदिग्ध वाहनों की जांच शुरू की। जांच के दौरान स्वीफ्ट डिजायर क्रमांक एमपी 07 सीडी 7952 से आरोपी संजय जाटव (34 वर्ष) के कब्जे से 66 किलो गांजा जब्त किया गया। इसी तरह तवेरा वाहन क्रमांक एमपी 07 बीए 2212 से आरोपी दीपक शामंतो (39 वर्ष) एवं योगेश अटेरिया (35 वर्ष) के कब्जे से 74 किलो गांजा की जब्ती बनाई गई। वहीं मारुति स्वीफ्ट क्रमांक एमपी 07 सीके 3240 के चालक कपील चकोटिया (24 वर्ष) से 62 किलो गांजा जब्त किया गया।

छत्तीसगढ़ के रास्ते दूसरे प्रदेशों तक गांजे की तस्करी

पूछताछ में इन आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि गांजे को कोरापुट ओडिशा से खरीदकर ग्वालियर (मध्य प्रदेश) बिक्री के लिए ले जा रहे थे। चारों आरोपियों से कांकेर पुलिस ने गांजा और तीनों कार की जब्ती बनाकर कार्रवाई की। आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। बता दें कि छत्तीसगढ़ गांजा तस्करी को लेकर लगातार सुर्खियों में है। इससे पहले महासमुंद और कवर्धा में गांजे की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है। छत्तीसगढ़ के रास्ते उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों को गांजे की खेप पहुंचती है।

बस्तियों तक उतारी जाती है गांजे की खेप

ओडिशा के नक्सली क्षेत्रों से आने वाले गांजे की भारी भरकम खेपों को रायपुर लाया जाता है। पुलिस की नजर से बचने शहर के आसपास बाहरी बस्तियों में रखा जाता है। यहां से गांजे को दिल्ली, यूपी, राजस्थान के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों के साथ महाराष्ट्र तक पहुंचाया जाता है। गांजे के तस्कर नशे की खेप को सागर तक पहुंचाने लग्जरी कारों का उपयोग कर रहे हैं। इनके आगे-पीछे भी फॉलो वाहन दौड़ते हैं, जो पुलिस की सक्रियता की सूचनाएं देते हैं। माल शहरी क्षेत्र से बाहर बनाए गए गोदामों में उतार लिया जाता है। यहां गांजे की बड़ी खेप को अलग-अलग हिस्सों में दो- तीन स्थानों पर रखा जाता है, ताकि मुखबिरी की स्थिति में ज्यादा नुकसान न हो।

फलों और सब्जियों की आड़ में गांजा तस्करी

उड़ीसा से महासमुंद के रास्तों से होकर फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में भी गांजा लाया जाता है। महासमुंद जिले की पुलिस रोज करोड़ों गांजे की खेप पकड़ रही है, मगर उसके बाद भी गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रदेश में नशे की तस्करी भारी मात्रा में चले जा रहा है। रायपुर के हर इलाके में गांजा तस्कर घूमते-फिरते रहते है जिसके चलते युवाओं के हाथ में भी गांजे की पुडिय़ा आसानी से मिल जाती है। गांजा तस्करी के लिए अब युवाओं ने मोटरसाइकल को ही अपना हथियार बना लिया है। युवा बाइक में ही पुलिस से बचने के लिए तस्करी करते है।

रोजाना करोड़ों रुपए का गांजा सप्लाई

रायपुर से रोजाना करोडो गांजा का गांजा सप्लाई किया जाता है, रायपुर होकर उड़ीसा का गांजा हर राज्य में जाता है। लगातार कटहल, कलिंदर, नमक, नारियल और अब गोभी की आड़ में गांजा तस्कर बड़ी मात्रा में गांजे की खेप को एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचा रहे है। फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में मादक पदार्थ की तस्करी करने का नया और नायाब तरीका गांजा तस्करों ने ढूंढ निकाला है। राजधानी में नशे का कारोबार तेज़ी से बढ़ते जा रहा है। शहर में शराब-गांजे का अवैध कारोबार सालों से फल-फूल रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों की रोजाना गिरफ्तारी हो रही है लेकिन उसके बाद भी ये कारोबार बंद नहीं हो रहा है।

जुलाई महीने में कई बड़े खेप पकड़ाए

12 जुलाई को 72 किलो गांजे के जबलपुर पुलिस ने 1 आरोपी को गिरफ्तार किया

13 जुलाई को रायपुर पुलिस ने 28 किलो गांजे के साथ 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया

14 जुलाई को धमतरी पुलिस ने तीन लोगों को 4 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया

17 जुलाई को कवर्धा पुलिस ने 1 करोड़ के गांजे के साथ 1 आरोपी को गिरफ्तार किया

17 जुलाई को ही कोरबा पुलिस ने 10 लाख के गांजे के साथ 1 आरोपी को गिरफ्तार किया

19 जुलाई को जबलपुर पुलिस ने 300 किलो गांजे के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया

19 जुलाई को ही महासमुंद पुलिस ने 15 किलो गांजे के साथ 2 तस्करों को गिरफ्तार किया

20 जुलाई को महासमुंद पुलिस ने 1 करोड़ 60 लाख के गांजे के साथ 4 तस्करों को गिरफ्तार किया।

80 किलोग्राम गांजा के साथ 2 अंतर्राज्यीय गांजा तस्कर गिरफ्तार

डी.डी.नगर पुलिस द्वारा सरोना ओवर ब्रिज रिंग रोड नंबर 01 पास सिल्वर कलर की बोलेरो वाहन क्रमांक ओ डी/26/8444 एवं वाहन के अंदर अलग-अलग बोरियों में रखें कुल 80 किलोग्राम गांजा कीमती लगभग 8,00,000/- रूपये लावारिस हालत में जप्त किया जाकर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध थाना डी.डी.नगर में अपराध क्रमांक 537/21 धारा 20 बी नारकोटिक्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में सायबर सेल एवं थाना डी.डी.नगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करते हुए प्रकरण में बोलेरो वाहन क्रमांक ओ डी/26/8444 के स्वामी की पहचान नुआपाड़ा उडीसा निवासी जलसाय डनसेना के रूप में की गई। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा नुवापाड़ा उडीसा रवाना होकर आरोपी की पतासाजी करते हुए जलसाय डनसेना को पकडकऱ पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा अपने साथी डिगेश्वर डनसेना के साथ मिलकर गांजा की तस्करी करना एवं वाहन को लावारिस हालत में छोडकऱ फरार होना बताया गया। टीम के सदस्यों द्वारा प्रकरण में संलिप्त आरोपी डिगेश्वर डनसेना को भी पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोग उड़ीसा से उक्त बोलेरो वाहन में गांजा भरकर गांजा की तस्करी हेतु निकले थे इसी दौरान रायपुर में अचानक बोलेरो वाहन खराब हो गया था जिसे खड़ी कर बनवाने हेतु टाटीबंध मिस्त्री बुलाने गए थे। दोनों आरोपी वापस आकर देखें तो वाहन के पास पुलिस मौजूद थी एवं लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी थी। जिससे डरकर दोनों आरोपी फरार हो गये थे। आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही किया गया।

सीमा पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश, फिर भी ढिलाई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांजे की बढ़ती तस्करी पर रोक लगाने के लिए सीमाई क्षेत्रों पर चौकसी बढ़ाने के साथ सीसीटीवी से निगरानी के निर्देश दिए थे। साथ ही ओडि़सा-मध्यप्रदेश की पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई के लिए रणनीति बनाने की बात भी कही थी लेकिन छग पुलिस शुरुआती तत्परता दिखाने के बाद ठंड़ी पड़ गई। यही कारण है कि सीमाओं को पार कर गांजा तस्कर आज भी बड़ी खेप छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों के साथ दूसरे राज्यों में आसानी से पहुंचा और खपा रहे हैं। गांजा की भारी तस्करी पर रोक लगाने के लिए सीमा पर सख्ती नितांत जरूरी है। पुलिस को इसके लिए कमर कसनी होगी तभी मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लग सकेगी।

बस्तर पुलिस ने बीते साल 4.44 करोड़ का गांजा पकड़ा

छत्तीसगढ़ के बस्तर पुलिस ने गांजा तस्करों के खिलाफ बीते साल भर में बड़ी कार्रवाई की है. यह पहला मौका है, जब साल 2021 में बस्तर पुलिस ने 185 तस्करों से कुल 8 हजार 889 किलो गांजा जब्त किया है, जिसकी कीमत 4 करोड़ 44 लाख 45 हजार रुपये आंकी गई है. सालभर में मादक पदार्थ तस्करी के 112 प्रकरण बनाए गए हैं. वहीं बस्तर के 7 चेक पोस्ट से पुलिस ने इतनी बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त करने में सफलता हासिल की है. दरअसल हर साल बड़ी मात्रा में छत्तीसगढ़ से लगे ओडिशा राज्य से गांजे की तस्करी बस्तर के रास्ते अन्य प्रदेशों में की जाती है, जिसके धरपकड़ के लिए बस्तर पुलिस अभियान चलाकर बीते साल भर में इतनी बड़ी मात्रा में गांजा जब्त करने में सफलता हासिल की है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ गांजा की तस्करी को रोकना पुलिस के लिए बड़ी जिम्मेदारी होती है. हर साल अंतरराज्यीय गिरोह के तस्कर बस्तर के रास्ते ही अन्य प्रदेशों में गांजा की बड़ी खेप तस्करी करते हैं. इसे रोकने के लिए पुलिस हमेशा मुस्तैद रहती है. यही वजह है कि बीते साल भर में इतनी बड़ी मात्रा में पुलिस ने अंतरराज्यीय तस्करों से गांजा जब्त किया है. साथ ही 185 आरोपियों को भी धर दबोचा है. इसके अलावा गांजा तस्करी के लिए इस्तेमाल किए गए 50 से भी अधिक लग्जरी वाहन इन आरोपियों से पुलिस ने जब्त की है।

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