हरेली तिहार पर राज्य के गौठानों में होगी पारंपरिक कार्यक्रमों की धूम
रायपुर। हरेली-तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का पहला त्यौहार है, जो छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति, परंपरा एवं आस्था से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के तीज-त्यौहार, परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने की पहल के चलते हरेली सहित अन्य तिहार जैसे पोला-तीजा, छेर-छेरा पुन्नी आदि का आयोजन बीते तीन सालों से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्यौहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी इसी उद्देश्य की पूर्ति का एक हिस्सा ताकि लोग छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों के अवसर पर अपनी बढ़-चढ़कर भागीदार सुनिश्चित कर सकें। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप कृषि विभाग द्वारा गौठानों में हरेली तिहार के दिन 28 जुलाई को ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी।