देशभर से आए पर्यटकों ने देखा कोण्डागांव का ऐतिहासिक और प्राकृतिक वैभव
कोण्डागांव। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर मावा कोंडानार पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय एवं जिला प्रशासन के सहयोग से ‘हेरिटेज वॉक‘ का आयोजन किया गया। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में मावा कोंडानार पर्यटन की सहयोगी संस्था सरईगुड़ा सस्टेनेबल लाइवलीहुड के गाइडों के द्वारा विभिन्न जिलों से आये 20 से अधिक पर्यटकों को कोण्डागांव के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक वैभव का दर्शन कराया।
इस कार्यक्रम का आरंभ फरसगांव से हुआ जहां से बाइकों से पर्यटक बस्तर की पुरानी राजधानी माने जाने वाले बड़े डोंगर में काकतीय राजवंश द्वारा स्थापित कुल देवी दंतेश्वरी के पहाड़ पर स्थित मंदिर में देवी दर्शन किया। इसके साथ ही स्थित प्राचीन शिलालेख को देखकर गाइडों द्वारा इसके महत्व और इतिहास के संबंध में जानकारी दी। इसके पश्चात निकट ही देवी दंतेश्वरी के अंग रक्षक माने जाने वाले आंगादेव नरसिंह नाथ के भी दर्शन किये। इसके बाद सभी भोंगापाल पहुंचे जहां 5वीं शताब्दी के बौद्ध चैत्यों के भग्नावशेषों एवं 5वीं सदी की ही गौतम बुद्ध की प्राचीन मुर्ति का दर्शन कर निकट स्थित सप्तमातृका मंदिर का भी दर्शन किया। जहां उन्हें इस चैत्य से जुड़े इतिहास एवं जन श्रुतियों के संबंध में जानकारी देते हुए निकट के प्राचीन शिव लिंग एवं शैव मंदिरों को भी दिखाया गया।
पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति से रूबरू कराने के लिए धनोरा एवं आसपास के ग्रामों में ग्रामीण घरों में ले जाकर ग्रामीण जीवन शैली एवं उनके सांस्कृतिक धरोहरों से अवगत कराया गया। उपरबेदी ग्राम में स्थित तुड़के गुमरा जल प्रपात के मनोरम दृश्यों का आनंद लेते हुए पर्यटकों ने पारंपरिक भोजन का जल प्रपात के किनारे बैठकर आनंद लिया। जहां गाइडों द्वारा उन्हें अब तक बाहरी दुनिया के लिए अज्ञात आदि मानव काल के अति प्राचीन शैल चित्र को दिखाकर चित्रों के संबंध में जानकारी दी गयी।
उपरबेदी ग्राम के प्राथमिक शाला में पहुंच कर दल द्वारा बच्चों को पर्यटन एवं पर्यटन के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए बच्चों को पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन क्षेत्रों की स्वच्छता हेतु चलाये जा रहे पखवाड़े के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने एवं पर्यटन क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की शपथ दिलाई गयी। इसके बाद दल गोबराहीन स्थित 5वीं सदी के अति प्राचीन शिवलिंग का भी दर्शन किया। जहां उन्हे गढ़धनोरा में जन श्रुतियों के अनुसार रामायण कालिन घटनाओं से संबद्धता के संबंध में बताते हुए यहा के इतिहास की जानकारी दी गयी। अंत में टाटामारी के मनोरम दृश्यों के साथ उन्हें हाइ टी एवं भोजन भी कराया गया। सभी पर्यटकों का उत्साह पूरे कार्यक्रम के संबंध में देखते ही बनता था। सभी ने इस वॉक की प्रशंसा करते हुए पुनः कोण्डागांव में पर्यटन आने का संकल्प भी लिया।