रायपुर। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना द्वारा चलाये जा रहे कांसादान महाउदीम के अंतर्गत मुख्यकार्यक्रम आज बूढ़ा तालाब ओपन स्टेडियम में रखा गया है जहां परम्परागत पूजा विधान के साथ देवताओं का आह्वान किया जाएगा।
25 फरवरी से प्रदेश भर में चल रहे सैकड़ो रथ 7 अप्रैल को थम गये, कांसा दान के लिए निकले प्रदेश के सभी विकासखण्डवार रथ राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब पहुंच चुके हैं, भारी मात्रा में प्रदेशभर से मिले कांसे का बर्तन व पीतल, तांबे की धातु के संग ही कई परिवार से प्राप्त सोने व चांदी के आभूषण के संग प्रदेश रथ रायपुर पहुँच चुका है। आज इस महाआयोजन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के मूल पारंपरिक त्यौहार चैतराही त्यौहार और करसाड़ जैसे कई पारम्परिक आयोजनों के बीच बूढ़ादेव की मूर्ति निर्माण के लिए देव कारीगरों को धातु विधानपूर्वक सौंप दी जाएगी। आज के कार्यक्रम में लाखों लोगों की उपस्थिति के बीच ग्राम देवी देवताओं के आवाहन के संग और मान मनौती कर 71 फिट ऊंचे बूढ़ादेव की प्रतिमा निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर हजारों छत्तीसगढ़िया कलाकार अद्वितीय पारंपरिक नृत्य कलाओं का प्रदर्शन करते रहेंगे ।
प्रदेशवासियों ने बढ़ चढ़ कर किया कांसा दान
अपने प्रदेश के कुलदेवता बूढ़ादेव की मूर्ति निर्माण के लिए प्रदेशभर के लोगों ने उत्साह से कांसा दान किया, नवविवाहित जोड़ों ने विवाह में मिले पंच रत्न धातु पचहर का दान किया और प्रदेश के विकास की कामना की, गांवों में बच्चे बूढ़े महिलाओं समेत युवाओं ने भी कांसा दान अभियान में सहभागिता दिखाई। आज मुख्यकार्यक्रम रायपुर के बूढ़ादेव आउटडोर स्टेडियम में आयोजित है जिसमें छत्तीसगढ़ के कोने कोने से लोगों की मौजूदगी रहेगी, मुख्यकार्यक्रम की शुरूआत 11 बजे से होगी जो बूढ़ा तालाब के बीचोबीच पारंपरिक छत्तीसगढ़िया महाअनुष्ठान के संग संध्या 6 बजे तक सम्पन्न होगा, छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के लाखों सेनानी, सर्व आदिवासी समाज एवं छत्तीसगढ़िया सर्व समाज इस महाआयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में लगे हुए हैं। क्रान्ति सेना प्रदेश संयोजक गिरधर साहू ने इस अवसर को मूल छत्तीसगढ़िया लोगों की प्राचीन अद्वितीय संस्कृति को जिंदा रखने के मकसद से एक बड़ा मुहिम बताया एवं पूरे प्रदेश के मूलनिवासी समाजों को इस "कांसा अरपन" मुख्य कार्यक्रम में परिवार सहित सम्मिलित होने का आह्वान किया ।