एमसीबी। एमसीबी के बैरागी गांव के ग्रामीणों ने खुद पानी का जुगाड़ किया है. जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ के अंतर्गत ताराबहरा पंचायत के आश्रित गांव बैरागी के ग्रामीण किसान किसी सरकारी विभाग के मोहताज नही है. मनेंद्रगढ़ विकासखण्ड के ताराबहरा के आश्रित ग्राम बैरागी जिसकी जनसंख्या लगभग 350 है. वो खुद ही गांव से निकलने वाली केवई नदी के पानी की धार को गांव की तरफ मोड़ कर इसका लाभ लेते है. गांव के लोग पेड़ को पाइप नुमा बना कर गांव की गलियों में नदी का पानी ला रहे हैं. पूरे गांव वाले इसी पानी का उपयोग करते हैं. पानी की समुचित व्यवस्था होने के कारण यहां के किसान साल में दो फसल लगा रहे हैं. साथ ही सब्जी की खेती कर आत्मनिर्भर भी हो रहे हैं.
कहने को तो विभाग करोड़ों रूपये खर्च कर विकास के लाखों दावे करता है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है.एमसीबी के बैरागी गांव की स्थिति देखकर आसानी से इस बात को समझा जा सकता है. गांव के लोगों ने अपने ही तरीके से चट्टानों को काट कर और पेड़ को पाइप नुमा बनाकर गांव में पानी पहुंचाया है.
जहां विभाग की पहुंच नहीं थी, वहां गांव के लोगों ने अपने ही तरीके से पानी का रुख बदल दिया. इस साल दूसरी बार धान का फसल लगा कर गांव के लोग खेती कर रहे है. किसान आय में वृद्धि के साथ अपने रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरी कर रहे है. यानी कि अब पानी के लिए ये किसी के मोहताज नहीं.