छत्तीसगढ़

टिकट बिकता है खरीदोगे, दलाल-छोटी पार्टियों की दिवाली शुरू

Nilmani Pal
9 Oct 2023 6:16 AM GMT
टिकट बिकता है खरीदोगे, दलाल-छोटी पार्टियों की दिवाली शुरू
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पैसे कमाने के चक्कर में बी फार्म और सिंबाल डोनेशन में हुआ डायवर्ट

टिकट बिकता है बोलो खरीदोगे, दलाल-छोटी पार्टियों की दिवाली शुरू

पैसे कमाने के चक्कर में बी फार्म और सिंबाल डोनेशन में हुआ डायवर्ट

इस बार निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 2000 के पार होने की संभावना

निर्दलियों के खड़े करने वाले दलाल सक्रिय, पूरे प्रदेश में दिवाली जैसा माहौल

पार्टी के प्रत्याशी ही निर्दलियों को अपने विरोधियों को पछाडऩे के लिए खड़ा करवाते है

रायपुर। राजनीति में कुछ भी संभव है यह 2023 के चुनाव में देखने को मिलने लगा है। छोटी-छोटी राजनीतिक पार्टियों की भी टिकट दर तय हो गए । अब राजनीतिक समीकरण के अनुसार छत्तीसगढ़ की राजनीति को अलग तरह से छेद करने वालों की अब कमी नहीं है। जिसे देखकर चलनी भी शरमा जाए। छोटी राजनीतिक पार्टी अभी छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में जमकर उठा-पटक वाली कसरत की जोरआजमाइश कर रही है । छोटी पार्टियों के टिकट के लिए बी फार्म के लिए भी दर्द है । कुछ पार्टियों ने एक लाख से लेकर 5 लाख तक का रेट डोनेशन तय किया है । तभी बी फॉर्म की मांग पूरी की जा रही है । चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड कुछ छोटी पार्टी छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी ले रही है। जिसका परिणाम यह हुआ कि सभी तरह की छोटी पार्टी चुनावी महोत्सव में चुनाव के इस त्यौहार में पैसे कमाने के चक्कर में अपने बी फार्म सिंबल को डोनेशन के नाम पर बेच रही है । छोटी की छोटी और बड़ी की बड़ी कीमत जहां तक बड़ी पार्टियों का सवाल है तो बड़ी पार्टी के बी फार्मा और टिकट की कीमत करोड़ों में है। जबकि छोटी पार्टी की कीमत 1 से 5 लाख तक है और निश्चित है ।

वैसे भी छत्तीसगढ़ में कमोबेस निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में चुनाव अपना भाग्य आजमाते हैं । कोरोना काल के बाद सार्वजनिक और सबसे बड़ा उत्सव के रूप में चुनावी समर को देखा जा रहा है छत्तीसगढ़ में आम चुनाव का मतलब होता है । सीधा-सीधा दिवाली का त्यौहार और हर बार दिवाली के आसपास ही चुनाव आते हैं जिसका फायदा सत्ता के दलाल और मतदाता को बेचने वाले दलाल और एजेंट लोग मालामाल होते हैं । निर्दलीय होते है आकर्षण के केंद्र विगत 40 वर्षों में छत्तीसगढ़ की चुनाव की फेहरिस्त देखेंगे तो लगातार निर्दलीय प्रत्याशियों को छत्तीसगढ़ का चुनाव आकर्षित करता गया और निर्दलीय प्रत्याशियों की दिन प्रतिदिन संख्या में बढ़ते गए । अब हर राजनीतिक में रसूक रखने वाला छोटा सा कार्यकर्ता भी निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़कर कुछ पैसे कमाने की उम्मीद रखता है । होटल बना पार्टी कार्यालय छोटी राजनीतिक पार्टियों भी इसी चक्कर में अपनी दुकानदारी सजाने छत्तीसगढ़ में आगमन हो चुका है प्राय:-प्राय: सभी होटलों में छत्तीसगढ़ में छोटी पार्टियों के पदाधिकारी आकर बैठ गए हैं और बी फार्म का सौदा खुलेआम कर रहे हैं। आचार संहिता लगने में कुछ घंटे शेष हैं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। अब देखना है कि छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के डेढ़ माह चलने वाले त्यौहार को किस रूप में मानती है छोटी पार्टी के पदाधिकारी और कितने कामयाब होते हैं। राज्य में नोटा और निर्दलीय चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते है।

इस चुनावी समर में कितने निर्दलीय भाग्य आजमाते हैं और चुनावी समीकरण को क्या रूप देते हैं यह आने वाला समय ही बताएगा? ...........

आज सीडव्ल्यूसी की बैठक के बाद जारी हो सकती है कांग्रेस उम्मिदवारों की सूची रविवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में सभी 90 सीटों पर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा - सभी नामों पर चर्चा हुई है। ब्लॉक से जो आवेदन आए हैं, सर्वे में जो नाम आए हैं और जो नेताओं के रिकमेंडेशन हैं सब पर चर्चा हुई है। स्क्रीनिंग कमेटी और प्रदेश चुनाव समिति की बैठकें हुई हैं। टिकट पर सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक के बाद फैसला होगा। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक रविवार को मुख्यमंत्री निवास में करीब 5 घंटे तक चली। दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले ये बैठक काफी अहम थी। बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत समिति के सदस्य शामिल हुए। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के बाद सीएम भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होनी है। ष्टङ्खष्ट की बैठक के बाद उम्मीद है कि सेंट्रल इलेक्शन की कमेटी की बैठक होगी। इस बैठक के बाद ही कांग्रेस की पहली सूची जारी होगी। अब तक 6 बार हो चुकी है चुनाव समिति की बैठक अब तक 6 बार से ज्यादा कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हो चुकी है। बैठक में कुल आवेदनों पर चर्चा हुई। 2 हजार से ज्यादा दावेदारों के आवेदनों में काट-छांट कर लगभग 300 लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई थी, जिसमें 40 सीटों पर सिंगल नाम तय किए गए थे। इसके बाद भी बैठकों का दौर जारी रहा और अब तक 65 सीट पर सिंगल नाम तय कर लिए गए हैं। बीजेपी की वायरल सूची के बाद कांग्रेस सतर्क बीजेपी की वायरल सूची के बाद कांग्रेस ज्यादा सतर्क नजर आ रही है। तय नाम भी कहीं से लीक न हों और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक तक इसे पूरी तरह से गोपनीय रखने को लेकर भी चर्चा होगी। अगर सूची जारी होती है तो कहीं भी अनुशासनहीनता या विरोध हो तो कैसे कंट्रोल किया जाए, इसको लेकर भी चर्चा होगी।

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