छत्तीसगढ़

तीन अंतरराज्यीय ठग गिरफ्तार, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

Shantanu Roy
8 Feb 2022 2:25 PM GMT
तीन अंतरराज्यीय ठग गिरफ्तार, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
x

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंबिकापुर। झारखंड की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के बराकर से सरगुजा पुलिस ने तीन अंतरराज्यीय साइबर ठगों पंकज रोहिदास, सुमित रोहिदास और रोहित रोहिदास को गिरफ्तार किया है। इन तीनों आरोपितों तक पुलिस उनके मोबाइल नंबर के आधार पर टावर लोकेशन का पता करते हुई पहुंची। आरोपितों द्वारा देश के कई राज्यों में आनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। ठगी की रकम से आरोपितों ने सुख-सुविधा का सारा इंतजाम कर रखा था।

सीतापुर थाने में सुशीला टोप्पो नामक महिला ने आनलाइन तरीके से जालसाजों द्वारा 40 हजार रुपये की ठगी कर लिए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपितों द्वारा एटीएम कार्ड का 16 डिजिट का अंक, एक्सपायरी डेट तथा सीबीवी और ओटीपी नंबर पूछकर सायबर ठगों के द्वारा ठगी की गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए थे। पुलिस के पास सुराग के नाम पर सिर्फ मोबाइल नंबर था जिसका उपयोग साइबर ठग ने किया था। इसका लोकेशन झारखण्ड के धनबाद और पश्चिम बंगाल के आसनसोल के सीमावर्ती क्षेत्र में बता रहा था। इसी को आधार बनाकर पुलिस टीम को रवाना किया गया।
रास्ते मे कई बार वह मोबाइल नंबर भी बंद रहने से लोकेशन नहीं बताता था। लेकिन पुलिस ने पीछा नहीं छोड़ा। इलाके में पहुंचने के बाद पुलिस खोजबीन में लगी रही तभी आरोपितों ने मोबाइल चालू किया तो उनका टावर लोकेशन पश्चिम बंगाल के शहर बराकर जो झारखण्ड सीमा से लगा है उसके नबीनगर अस्पताल रोड का बताया। पुलिस टीम तत्काल वहां पहुंची और स्पष्ट लोकेशन के आधार पर आरोपित पंकज रोहिदास, सुमित रोहिदास और रोहित रोहिदास को पकड़ने में सफलता मिल गई।
आरोपितों के कब्जे से कुल आठ नग मोबाइल फोन की बरामदगी हुई। पुलिस टीम तीनों आरोपित को लेकर वापस लौट आई है। पूछताछ में साइबर ठगी के संबंध में और महत्त्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। आरोपितों को गिरफ्तार करने में निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, उप निरीक्षक विद्याभूषण भारद्वाज, सरफराज फिरदौसी, रूपेश नारंग, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान आरक्षक अेहसान फिरदौसी, विमल कुमार, अतुल सिंह, रिंकु गुप्ता, दिगपाल सिंह, अनुज जायसवाल, सुयश पैकरा, जितेश साहु, राजकुमार यादव का योगदान रहा।

ऐसे करते थे ठगी-

पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उनके द्वारा किसी भी राज्य के किसी मोबाईल सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा जारी मोबाइल नंबर की शुरूआती चार अंकों को गुगल में सर्च करके पता कर लिया जाता था, उसके उपरांत अगले छह डिजिट उनके द्वारा रेन्डमली डाले जाते है जिस भी व्यक्ति को काल लगता है उसे वे कहते थे।

आपका एटीएम ब्लाक हो गया है उसे दोबारा चालू करना है तो कार्ड के पीछे का 16 डिजिट का अंक एक्सपायरी डेट तथा सीवीवी नंबर पूछकर उसके बाद मोबाइल वालेट कंपनियों की वेबसाइट में जाकर पैसे की ठगी कर ली जाती थी। तीनों आरोपितों के द्वारा अब तक भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का पता चला है।

ठगी की रकम से खरीदा मकान और कार-

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपितों द्वारा साइबर ठगी से अर्जित धनराशि का उपयोग सुख-सुविधा के इंतजाम में खर्च किया जाता था। आरोपितों द्वारा ठगी की रकम से जमीन खरीदना घर बनाना, कार खरीदना बताया गया है। तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।

Next Story