छत्तीसगढ़

'छत्तीसगढ़ के औषधीय पौधों के संरक्षण पूर्व मूल्यांकन एवं प्राथमिक प्रबंधन' विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला 25 नवम्बर तक

Nilmani Pal
24 Nov 2021 4:55 PM GMT
छत्तीसगढ़ के औषधीय पौधों के संरक्षण पूर्व मूल्यांकन एवं प्राथमिक प्रबंधन विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला 25 नवम्बर तक
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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा 23 से 25 नवम्बर तक 'छत्तीसगढ़ के औषधीय पौधों के संरक्षण पूर्व मूल्यांकन एवं प्राथमिक प्रबंधन' विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। अटल नगर नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में फाउंडेशन फॉर रिवाईटलाईजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन्स के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में विषय-विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। कार्यशाला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फारेस्ट मेनेजमेंट द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 2 हजार 200 से अधिक औषधीय पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं।

कार्यशाला के प्रथम दिवस 23 नवम्बर को कार्यशाला का उद्घाटन अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड द्वारा पारंपरिक ज्ञान आधारित चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दिए जाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के दिशा-निर्देशन में वन विभाग द्वारा प्रदेश के किसानों को रबी एवं खरीफ फसलों के अतिरिक्त औषधीय पौधों की खेती हेतु विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इस अवसर पर सदस्य सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड श्री अरूण कुमार पाण्डेय ने बताया कि ऐसे कार्यशाला में रिसर्च स्कालर, वनस्पतिशास्त्री टैक्सोनामिस्ट के साथ-साथ पारंपरिक वैद्यों के एक ही छत के नीचे होने से इस तकनीकी कार्यशाला के आयोजन का महत्व स्वतः बढ़ जाता है। इसके साथ-साथ सदस्य सचिव ने राज्य में औषधीय पौधों के संसाधन के सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए इस तकनीकी कार्यशाला की प्रक्रिया के महत्व और उपयोग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

इस कार्यशाला में 60 से अधिक प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री टैक्सोनामिस्ट फील्ड फारेस्टर्स तथा पारंपरिक ज्ञान एवं औषधीय पौधों के जानकारों ने भाग लिया तथा राज्य में औषधीय पौधों के वितरण एवं खतरे की स्थिति के बारे में अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा किया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य विविध प्रकार के वनस्पतियों एवं जीवों का भंडार है। राज्य की जैवविविधता के संरक्षण संवर्धन एवं उचित प्रबंधन के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य जैवविविधता बोर्ड के द्वारा विभिन्न विषयों पर दस्तावेज तैयार कराए गए हैं। जिससे जनमानस, विद्यार्थियों तथा शोधकर्ताओं को प्राकृतिक जैव संपदा के संरक्षण एवं संवर्धन में सहभागी बनाया जा सके।

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