छत्तीसगढ़

शहर में आराम से टहल रहे तीन भालू, देखें VIDEO...

Shantanu Roy
18 Aug 2022 2:54 PM GMT
शहर में आराम से टहल रहे तीन भालू, देखें VIDEO...
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छग
कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर में भालुओं की दहशत देखी जा रही है। यहां घनी आबादी क्षेत्र में 3 भालुओं ने डेरा डाल दिया, जिससे लोग घरों से बाहर तक निकलने में डर रहे हैं। शहर के मांझापारा में ये तीनों भालू बुधवार शाम 6 बजे देखे गए। तीनों भालू खुलेआम बाजार के पास सड़क पर घूमते रहे। ये भालू देर रात स्कूल में भी घुस गए। वहीं ये गलियों में भी दौड़ लगाते रहे। कई लोगों ने दूर से इनका वीडियो भी बना लिया। रिहायशी इलाके में भालू के घुस जाने से वन विभाग और पुलिस हाई अलर्ट हो गई है। मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची है। बताया जा रहा है कि भालू भोजन की तलाश में आबादी वाले इलाके में घुस आए हैं। इधर वन विभाग की टीम को रात होने के चलते भालुओं के रेस्क्यू में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। कर्मचारी रातभर भालुओं की निगरानी करते रहे।
रामनगर की पहाड़ियों पर चले गए तीनों भालू
पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद रही। भालू आमापारा और शीतला पारा होते हुए रात के करीब 1 बजे रामनगर होते हुए शहर से बाहर पहाड़ी की ओर चले गए। इस दौरान शहर में अफरा तफरी का माहौल बना रहा। गनीमत ये रही कि भालुओं ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। हालांकि रामनगर की पहाड़ियों पर ये अब भी मौजूद हैं, जो रिहायशी इलाके से ज्यादा दूर नहीं है।
रामनगर में 3 दिनों से घूम रहा है तेंदुआ भी
वहीं रामनगर में पिछले 3 दिनों से तेंदुए के देखे जाने की भी खबर है। इससे इलाके में दहशत का माहौल है। तेंदुए ने कुछ मुर्गियों को अपना भोजन बना लिया है। वन विभाग को सूचना दे दी गई है। ग्राम थानाबोड़ी में भी तेंदुए ने आतंक मचाया है। वहां फॉर्म में घुसकर बत्तखों को भी खा लिया है। वन विभाग ने मुआवजा प्रकरण बनाया है।
फरवरी में वर-वधू के लिए बनाए गए स्टेज पर पहुंच गई थी मादा भालू
इस साल फरवरी के महीने में कांकेर में ही हुए एक शादी समारोह में मादा भालू अपने दो नन्हे शावकों के साथ पहुंच गई थी। ये यहां वर-वधू के लिए बनाए गए स्टेज पर चढ़ गई थी। जिससे लोगों में दहशत फैल गई थी। वहीं इसी साल जुलाई महीने में कांकेर शहर से सटे ग्राम ठेलकाबोड, छोटेपारा में छोटी पहाड़ी पर एक मादा तेंदुए ने अपने तीन शावकों के साथ डेरा डाला हुआ था। मादा तेंदुए के गांव में बीच होने से ग्रामीण डर गए थे। उस वक्त स्कूल में भी छुट्टी कर दी गई थी, क्योंकि ये पहाड़ी के ही पास था।
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