गार्डन में लाश फेंकने वाले गिरफ्तार, 8 साल बाद हुई आरोपियों की गिरफ्तारी
दिल्ली। दिल्ली में हत्या के एक मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों 2016 से पुलिस की गिरफ्तारी से बच रहे थे। आरोपियों की पहचान कबीर नट उर्फ खलीफा (25) और बब्लू नट (27) के रूप में हुई है। दोनों बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। 2018 में कोर्ट ने दोनों को अपराधी घोषित कर दिया था। 3 जुलाई 2016 को रणहौला पुलिस स्टेशन में सैम बाजार गोमती गार्डन में बरामद हुए शव के संदर्भ में केस दर्ज किया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "मृतक की पहचान बंधु राय के रूप में हुई, जो विकास नगर इलाके का रहने वाला था। यह दिल्ली में ठेकेदार के रूप में काम करता था।"
वहीं परिजनों के बयान के मुताबिक, तीन व्यक्ति, जिनके नाम बब्लू नट, कबीर नट और मोहम्मद असलम है, मृतक के गांव से ही ताल्लुक रखते हैं। दिल्ली में मजदूरी के काम के लिए इन्होंने बंधु राय से मदद मांगी थी।
बंधु राय के कहने पर तीनों दिल्ली आए थे। तीनों उसी आवास में ठहरे थे। बंधु राय की हत्या के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मौत का कारण दम घुटना था। स्थानीय पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए सारे जतन किए। कोर्ट ने 31 अगस्त 2018 को तीनों आरोपियों को अपराधी घोषित कर दिया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, "पुलिस ने मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, जिसमें सभी आरोपियों के नाम हैं।"
दिल्ली पुलिस उपायुक्त मनोज सी के मुताबिक, "हालांकि, 22 मार्च को विशेष सूचना मिली कि हत्याकांड में शामिल दो व्यक्ति नजफगढ़ अनाज मंडी के पास हैं। इसके बाद एक टीम का गठन किया गया और नजफगढ़ भेजा गया, जहां जाल बिछाया गया और दोनों आरोपियों को नजफगढ़ अनाज मंडी के पास पकड़ लिया गया।" पूछताछ के दौरान कबीर और बब्लू ने खुलासा किया कि 2-3 जुलाई 2016 की दरम्यानी रात उन सभी ने एक साथ शराब पी थी।
डीसीपी ने कहा, “एक बहस हुई, जिसके दौरान तीन आरोपी व्यक्तियों ने बंधु राय को मारने और उसके पैसे लूटने की योजना तैयार की। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दो ने बंधु राय के हाथ और पैर पकड़ लिए, जबकि तीसरे आरोपी मोहम्मद असलम ने उसका गला घोंट दिया और मौके से भागने से पहले उसकी जेब से पैसे निकाल लिए।''