छत्तीसगढ़

महफ़िल में जो हमे दाद देने से कतराते हैं, सुना है तन्हाइयों में...

Nilmani Pal
2 Aug 2024 5:44 AM GMT
महफ़िल में जो हमे दाद देने से कतराते हैं, सुना है तन्हाइयों में...
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

महतारी वंदन योजना के लागू होने के साथ ही महिलाओं में नया आत्मविश्वास दिख रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा शुरू की गई महतारी वंदन योजना की लोकप्रियता शहरों के साथ-साथ गांवों में भी दिख रही है। राज्य में नई सरकार के गठन के साथ ही महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इस योजना से राज्य के 70 लाख विवाहित महिलाओं को इसका लाभ छह माह से मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए इस महत्वाकांक्षी योजना में 21 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित महिलाओं को प्रति माह एक-एक हजार रूपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जा रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस महतारी के साथ ददा को भी बंदन करने की योजना बना रही है। 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस रही है। कांग्रेस के सलाहकार रहे नेताऔं का कहना है कि कांग्रेस महतारी के साथ ददा का भी वंदन करने वाली है। महतारी वंदन में तो सिर्फ घरेलू खर्च के लिए मदद मिलती है। ददा बंदन में तो बाहरी खर्च के लिए भी जुगाड़ किया जाएगा। ताकि कांग्रेस का वोट बैंक बढ़े और ददा के भरोसे सत्ता में वापसी कर सके।जनता में खुसुर-फुसुर है कि योजना कुछ भी बना लें गारंटी जरूरी है, जो जनता को सांय -सांय मिल रहा और जनता अभी भी खटाखट के इंतजार में है। विधानसभा में कांग्रेसी नेता सरकार की हर योजना पर खामी निकालते हैं लेकिन जब जनता को मिल रहे फायदे को देखकर चुपचाप तारीफ भी करते हैं। इसी बात पर किसी शायर की शेर याद आई -महफि़ल में जो हमे दाद देने से कतराते हैं, सुना है तन्हाइयों में वो हमारी शायरी गुनगुनाते हैं ।

समझ गया वो कंगाल और जो नहीं समझा वो मालामाल

छत्तीसगढ़ के पी.डी.एस.भारत के लिए माडल बना हुआ है। भारत के सभी राज्यों में यह योजना को लागू करने राज्यों के सरकारें छत्तीसगढ़ माडल को देखने समझने छत्तीसगढ़ सरकार से मिल कर समझ कर अपने राज्यों में लागू कर रहे हैं इसी सिलसिले में पडोसी उडि़सा राज्य से छत्तीसगढ़ पी डी एस माडल को समझने टीम आने वाली है । छत्तीसगढ़ के पी डी एस सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ठीक से समझेंगे और 0 प्रतिशत करप्शन मुक्त योजना बनाएंगे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पीडीएस की महिमा बड़ी निराली है। जो समझ गया वो कंगाल और जो नहीं समझा वो मालामाल हो जाता है। छत्तीसगढ़ में जितने भी पीडीएस राशन दुकान है उनका माल सीधे बाजार में उतर रहा है। दुकानदार कार्डो के खेल में माहिर है। एक दुकान में 5 सौ से अधिक कार्ड है उसमें से 2 सौ को तो राशन ही नहीं मिलता है। सिर्फ चक्कर लगाकर सरकारी राशन से भरण पोषण करते है, यानी समझ गए होंगे।

छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स राजनीति की पाठशला

चेंबर का मतलब साफ है पैसे वाला नेता जो जिसकी सरकार होती है उसका गुणगान कर टैक्स बचाने के नए -नए प्रस्ताव लाकर सरकार, टैक्स विभाग औऱ चेंबर के बीच तालमेल करना है। ताकि लगे कि व्यापारियों की पहुंच ऊंची है। हाल ही छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स का चुनाव को लेकर आपत्ति आने के बाद चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। एक चेंबर नेता तो अध्यक्ष का चुनाव जीत कर विधायक बन गए, लेकिन दूसरी बार चेंबर चुनाव नहीं जीत पाए। मतदाता सूची अपडेट करना, व्यापारियों के संगठन में दो फाड़ होने के बाद फिर से चुनाव की तैयारी हो रही थी कि किसी ने आपत्ति लगाकर चुनाव में नया मोड ला दिया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये व्यापारी है कुछ भी कर सकते है। चुनाव रोकना कोई बड़ी बात नहीं है, चंदा देकर सत्ताधारी को विपक्ष में बैठा सकते है। जिसमें व्य़ापारियों का हित जुड़ा होता है वो वही काम करते है। किसी के कहने पर कुछ नहीं करते, न वोट डालने जाते है। बल्कि वोट डलवाते है।

क्या हुआ तेरा वादा... वो इरादा

रेलवे मंत्रालय का छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार जग जाहिर है। कोरोना के बाद से पूरे देश में रेल का संचालन सर्व सुविधा के साथ हो रहा है लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता से मिली हुई सुविथा भी छीन लिया जाता है। पिछले चार सालों से रेल न तो कभी समय पर चली है और न ही कोई सुविधा यात्रियों को मिली है। जो दो- चार गाडिय़ां चल रही थी उसे भी बंद कर दिया.गया कभी नई लाइन बिछाने के नाम पर तो कभी मेंटनेंस के नाम पर । हाल ही में 73 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर रेल मंडल के राजनांदगांव-कलमना रेल खंड के बीच इंटरलॉकिंग कार्य किया जाएगा। वहीं प्री-नॉन इंटरलॉकिंग का काम 4 से 13 अगस्त और नॉन इंटरलॉकिंग 14 से 19 अगस्त तक किया जाएगा। जिसके कारण कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है वहीं कुछ गाडिय़ां अपने गंतव्य से पहले ही समाप्त और रवाना की जाएगी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल और राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय मुखर हो चुके है एसे में अब छत्तीसगढ़ को फायदा मिल सकता है।

कलेक्टर छाप मंत्री-दूरदर्शिता या करीबदर्शिता

वित्तमंत्री ओपीचौधरी साहब का कहना है कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता है। छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता एवं उनके मार्गदर्शन से वर्ष 2047 तक देश को विकसित देश के बनाने का संकल्प लिया गया है। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की रणनीति तैयार कर रही है। केन्द्रीय बजट में देश के विकास की कई योजनाएं शामिल की गई हैं। समाज के सभी वर्ग के लोगों के कल्याण और उनके समग्र विकास योजनाएं बनाई गई है। जनता में खुसुर-फुसर है कि चौधरी साहब को अभी भी लग रहा है वो कलेक्टर ही है। वो अभी भी कलेक्टरी राग अलाप रहे है। जबिक सच ये हौ कि वो अब जनप्रतिनिधि है और एक जिम्मेदार मंत्री है। एसे में जनकल्याणकारी योजनाऔं के धड़ाधड़ जमीन पर उतारें क्योंकि वे राज्य़ औऱ केंद्र के बड़े नेताऔं के गुड बुक में हैं।

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