छत्तीसगढ़

पशुपालन से डेयरी फार्म के संचालक बने ये शख्स, पढ़ें सफलता की कहानी

HARRY
21 Aug 2021 2:59 PM GMT
पशुपालन से डेयरी फार्म के संचालक बने ये शख्स, पढ़ें सफलता की कहानी
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बलरामपुर। पशुपालक से आस्था डेयरी फार्म के संचालक बने 49 वर्षीय अंबुज कुमार यादव एक सफल उद्यमी बन चुके हैं। गांव में शुद्ध दुग्ध की कमी ने उन्हें डेयरी उद्योग की ओर आकर्षित किया और इसे एक अवसर मानते हुए, उन्होंने 2018 में दुग्ध उत्पाद ईकाई की स्थापना की। सफल उद्यमी के रूप में कार्य करते हुए अम्बुज अपने डेयरी फार्म के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। अम्बुज यादव बताते हैं कि उनके परिवार में पूर्व से ही गौपालन का कार्य किया जा रहा है किन्तु उन्नत नस्ल न होने के कारण पर्याप्त मात्रा में दुग्ध उत्पादन नहीं होता था।

पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ.बी.पी. सतनामी ने उन्हें राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के बारे में जानकारी दी और अम्बुज ने विभाग के सहयोग से देशी नस्ल के उन्नत साहीवाल व गिर नस्ल के बारह गाय से गौपालन शुरूआत की। अम्बुज आगे बताते हैं कि डेयरी उद्यमिता विकास योजना से प्राप्त राशि से उन्होंने शेड, बोर व पावर पम्प की स्थापना कर उन्नत नस्ल के और गाय खरीदे। वर्तमान में उनके पास गायों की संख्या बढ़कर 20 तथा बछ़ड़ियों की संख्या 4 व बछड़ों की संख्या 7 हो गयी है। आस्था डेयरी फार्म प्रतिदिन लगभग 90 से 100 लीटर ए2 मिल्क का उत्पादन करता है। जिसे शंकरगढ़ में डोर-टू-डोर 50 रूपये प्रति लीटर के दर से विक्रय किया जाता है। अम्बुज लगातार अपने डेयरी फार्म को उन्नत बनाने में जुटे हैं तथा दुग्ध बेचकर प्राप्त आय से उन्होंने मिल्क कुलर खरीदा, जिससे दुग्ध को 4 डिग्री सेल्सियस में कुलिंग कर 1 लीटर व आधा लीटर पैकिंग में विक्रय किया जा रहा है। डेयरी संचालन का अम्बुज का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वच्छ व शुद्ध ए2 दुग्ध मिल सके व उन्हें निश्चित आमदनी होती रहे। वर्तमान में डेयरी में 2 सहयोगी भी कार्यरत हैं, जिन्हें डेयरी के माध्यम से रोजगार मिला है। अम्बुज डेयरी से 20 से 25 हजार प्रतिमाह आय प्राप्त कर रहे हैं तथा क्षेत्र के लोगों को भी पर्याप्त दुग्ध आपूर्ति हो रही है। साथ ही गाय से मिलने वाले गोबर का भी समुचित उपयोग करते हुए वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे जैविक खेती से उनकी कृषि उत्पादकता भी बढ़ी है। बेहरत प्रबंधन के साथ ही अम्बुज कुशल व्यवसायिक दृष्टिकोण भी रखते है तथा आशान्वित होकर कहते हैं कि डेयरी फार्म को और विस्तार कर लोगों को शुद्ध दुग्ध के साथ-साथ रोजगार भी मुहैया करायेंगे। अम्बुज ने प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है तथा युवाओं को डेयरी उद्यम के क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए कार्य करने की अपील भी कर रहे हैं।

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