छत्तीसगढ़

ऐसे होगा टीबी का अंत: ट्रेनर मीनाक्षी दीक्षित ने दिया प्रशिक्षण

Nilmani Pal
1 July 2022 3:40 AM GMT
ऐसे होगा टीबी का अंत: ट्रेनर मीनाक्षी दीक्षित ने दिया प्रशिक्षण
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दुर्ग। साथ मिलकर करें टीबी का अंत.., इस आव्हान के साथ टीबी चैंपियंस को तीन दिन की विशेष कार्यशाला में वह सारी बारीकियां सिखाने का प्रयास किया गया, जो टीबी रोग पर नियंत्रण के लिए कारगर हो सकती हैं। कार्यशाला के संचार कौशल प्रशिक्षण सत्र में तीन जिले रायपुर, दुर्ग और बालोद के 30 टीबी चैंपियंस ने हिस्सा लिया, जिन्हें कानपुर (उत्तर प्रदेश) से आईं ट्रेनर मीनाक्षी दीक्षित ने प्रशिक्षण दिया।

शहर के एक निजी होटल में यह प्रशिक्षण सत्र गैर सरकारी संगठन रीच (आरईएसीएच-द रिसोर्स ग्रुप फॉर एजुकेशन एंड एडवोकेसी फॉर कम्युनिटी हेल्थ) के द्वारा अलाइज प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित किया गया। संचार कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से टीबी चैंपियंस को संचार कौशल की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें सिखाया गया कि किस प्रकार वे अलग-अलग प्रकार के संचार जैसे सामूहिक, पारस्परिक, शाब्दिक, आशाब्दिक, गीत, कविता, पेंटिंग, नारे इत्यादि के माध्यम से संचार कर टीबी उन्मूलन के लिए दे रहे योगदान (जागरूकता व टीबी से ग्रसित व्यक्ति की काउंसलिंग आदि) को और बेहतर बना सकते हैं। कार्यशाला में टीबी से ग्रसित व्यक्तियों के अधिकार तथा उनमें जागरुकता के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। इस चर्चा में निक्षय पोषण योजना की सार्थकता को प्रमुखता से शामिल किया गया। कार्यक्रम अवसर पर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के माध्यम से टीबी चैंपियंस को टीबी रोग की रोकथाम की दिशा में प्रभावी ढंग से बेहतर सेवा देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस दौरान ट्रेनर मीनाक्षी दीक्षित ने बतायाः सस्टैनबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के अनुसार टीबी का उन्मूलन वर्ष 2030 तक करना है, जबकि भारत ने यह लक्ष्य वर्ष 2025 तक रखा है। वहीं छत्तीसगढ़ ने यह लक्ष्य उससे भी पहले यानि वर्ष 2023 रखा है। टीबी रोग पर शीघ्र नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों में जनसहभागिता आवश्यक एवं काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए समुदाय के बीच टीबी चैंपियंस को पूर्ण आत्म विश्वास के साथ अपनी बात रखने का प्रयास करना चाहिए, ताकि लोगों को बातें बेहतर ढंग से समझाई जा सकें। साथ ही रोग के लक्षण, कारण तथा उपायों की भी अधिक से अधिक जानकारी के साथ समुदाय के बीच पहुंचना चाहिए जिससे लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए उनके सवालों का सहजता से जवाब दिया जा सके। वहीं टीबी रोग पर नियंत्रण के प्रयास में जन-जागरुकता हेतु स्पष्ट संदेश प्रचारित व प्रसारित करने पर जोर दिया गया। टीबी मुक्त भारत के लिए विभिन्न स्तर पर टीबी से ग्रसित लोगों की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है जिससे कई लोगों को नया जीवन मिल रहा है।

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