छत्तीसगढ़

ये है ब्रशवुड: बिना लागत भूमिगत जल के रिचार्ज का बेहतरीन उदाहरण, कलेक्टर ने की तारीफ

Nilmani Pal
25 Sep 2021 5:33 AM GMT
ये है ब्रशवुड: बिना लागत भूमिगत जल के रिचार्ज का बेहतरीन उदाहरण, कलेक्टर ने की तारीफ
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दुर्ग। इसमें किसी तरह की लागत नहीं, इसका कच्चा माल बाजार से खरीदना नहीं पड़ता। इसके बावजूद यह दुर्ग जिले में सिंचाई का सबसे खास स्ट्रक्चर बन गया है और इसके माध्यम से भरपूर पानी नालों में रूक रहा है और भूमिगत जल का रिचार्ज हो रहा है। ये ब्रशवुड स्ट्रक्चर हैं। दो बेशरम की लकड़ियों के बीच काली मिट्टी को डालकर इस स्ट्रक्चर को बनाया जाता है। आज पाटन ब्लाक के दौरे के दौरान नालों में बनाये जा रहे ब्रशवुड स्ट्रक्चर भी कलेक्टर ने देखे। अधिकारियों ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से इस तरह के स्ट्रक्चर बनाये गये हैं। इनका कच्चा माल इन्हीं नालों के ट्रीटमेंट से निकला है। बरसों से गाद जमी होने के कारण से बेशरम के पौधे इन नालों में उग आये थे, ट्रीटमेंट कर इन्हें बाहर निकाला गया और इनका बेहद खूबसूरत उपयोग किया गया। इसके साथ ही सितंबर महीने के पूर्व कलेक्टर ने नाला बंधान अथवा बोरी बंधान के कार्य करा लेने के निर्देश दिये थे। इसके पश्चात तेजी से नालाबंधान के कार्य किये गये थे, इसका अच्छा असर हुआ और सितंबर महीने की बारिश को रोकने में यह नालाबंधान उपयोगी साबित हुए। इन नाला बंधान से ग्राउंड वाटर रिचार्ज अच्छा खासा हुआ है। इससे रबी फसल में भी लाभ मिलेगा। कलेक्टर के साथ आज दौरे में जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक एवं जनपद सीईओ मनीष साहू भी उपस्थित थे।


अब ड्रेनेज ट्रीटमेंट पर भी जोर- कलेक्टर ने ब्रशवुड संरचनाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नरवा योजना में छोटे-छोटे स्ट्रक्चर बनाने की बात कही गई है जिससे पानी की गति धीमी होती है और इस वजह से तेजी से वाटर रिचार्ज होता है। इस तरह ड्रेनेज ट्रीटमेंट पर भी पूरा ध्यान देना है। इसके साथ ही उन्होंने जलसंसाधन की संरचनाओं के जीर्णाेद्धार के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि जिस जगह भी ऐसी मरम्मत की जरूरत है। उसे पूरा कर लें। जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि चिन्हांकित स्थलों में शीघ्र ही कार्य पूरा कराया जाएगा ताकि नरवा योजना का पूरा लाभ किसानों को मिल सके और अधिकाधिक मात्रा में भूमिगत जल का रिचार्ज हो सके।

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