छत्तीसगढ़

पेंशन लेने 2 किमी दूर गांव से घिसटते हुए बैंक जाता है यह दिव्यांग, पढ़े भावुक खबर

Deepa Sahu
23 Dec 2021 6:30 PM GMT
पेंशन लेने 2 किमी दूर गांव से घिसटते हुए बैंक जाता है यह दिव्यांग, पढ़े भावुक खबर
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महज 500 रुपए दिव्यांग पेंशन लेने 2 किलोमीटर दूर अपने गांव से घिसटते हुए एक युवक स्थानीय भारतीय स्टेट बैंक शाखा पहुंचता है.

पिथौरा. महज 500 रुपए दिव्यांग पेंशन लेने 2 किलोमीटर दूर अपने गांव से घिसटते हुए एक युवक स्थानीय भारतीय स्टेट बैंक शाखा पहुंचता है. इस युवक की मजबूर मां बैंक सिस्टम से तंग आ चुकी हैं. इस संबंध में स्थानीय स्टेट बैंक प्रबंधक से चर्चा का प्रयास किया गया पर उन्होंने मोबाइल रिसीव ही नहीं किया. नगर से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित ग्राम लाखागढ़ का स्व. असमन कोसरिया का परिवार अपने घर में पुत्र संदीप के जन्म से ही खासा परेशान है. असमन अपने जीते तक करीब 10 साल से अधिक अपने दिव्यांग बच्चे को लेकर पत्रकारों के सहयोग से नेताओं और अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगाता हुआ थक गया और कम समय में ही बीमार होकर दुनिया से विदा हो गया. वहीं उसके जाते ही उसका एक बड़ा पुत्र घर से कहीं चला गया है लिहाजा अब संदीप अपनी मां पुन्नी कोसरिया और एक बहन के साथ लाखागढ़ में ही रहते हैं.

मात्र तरल खाद्य पर ही जीवित है संदीप
पिता असमन जीवित रहते काफी चक्कर लगाने के बाद भी पुत्र संदीप का उपचार नहीं करवा पाया बल्कि उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि संदीप की जीभ ज्यादा मोटी है जिसका उपचार सम्भव नहीं है लिहाजा उसे तरल पर ही जीवित रखा जा सकता है. बाद नियमानुसार उसे दिव्यांग पेंशन योग्य समझते हुए उसका नाम जोड़ा गया जहां से उसे 500 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है. इस पेंशन में भी अब अड़चन आने लगी है. पूर्व में ज़ब संदीप छोटा था और पिता जीवित थे तब उसे पाकर बैंक ले जाकर पेंशन ले आते थे और बच्चे के लिए कुछ आवश्यक सामग्री खरीदते थे पर अब संदीप 25 साल का हो चुका है. पिता के निधन, कमजोर वृद्ध मां की असमर्थता और पैसों की अति आवश्यकता ने मजबूर संदीप की मां पुन्नी को अपने पुत्र को घिसट कर बैंक तक लाना मजबूरी हो गई है. इतने मजबूर मां-बेटा को देखकर भी बैंक कर्मियों, अफसरों का मन नहीं पसीजता और वे मां के अकेले आने पर उन्हें पुनः भेजकर बच्चे को बैंक में उपस्थित करने का आदेश सुना देते हैं. जिससे अब यह मजबूर मां परेशान हो गई हैं. पुन्नी चाहती हैं कि बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र द्वारा उन्हें उसके अकेले आने पर या घर से संदीप का अंगूठा लगवा कर उन्हें अनुमति दें.
बैंक अधिकारी मोबाइल रिसीव नहीं करते
उक्त मामले में इस प्रतिनिधि ने स्थानीय स्टेट बैंक के प्रबंधक से चर्चा करने उनके मोबाइल में लगातार कॉल किया पर कॉल रिसीव नहीं किए जाने से चर्चा नहीं हो पाई.
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