ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव
उत्तरप्रदेश के एटीएस ने दिल्ली से दो लोगो को गिरफ्तार किया। उन पर आरोप है की वे धर्मान्तरण कर हिन्दू लोगो को मुसलमान बना रहे थे। देश में धर्मान्तरण पर कठोर कानून बनना चाहिए। मूलरूप से फतेहपुर जिले का निवासी श्याम प्रकाश सिंह गौतम का 1964 में जन्म हुआ और उनके कुल छ: भाई हैं। उसने इस्लाम धर्म अपनाकर नाम उमर गौतम रख लिया। श्याम प्रकाश सिंह गौतम ने इस्लाम की खूबी को देखकर ही इस्लाम कुबूल किया होगा और उनको इन खूबियों को ही अपनाना था धर्मान्तरण जैसे घिनौने काम में क्यों लग गए जबकि इस्लाम जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ है। अब इसकी भी जाँच होनी चाहिए कि किसके इशारे पर धर्मान्तरण करवाया जा रहा था। साथ ही इसकी भी जाँच होनी चाहिए कि देश में अभी कितने धर्मांतरण बम हैं जो सिर्फ चुनाव के समय फोड़े जाते हैं। जब देश में खासकर उत्तरप्रदेश में आने वाले दिनों में चुनाव है, ऐसे मौके पर ही ये उजागर होना भी आश्चर्यजनक लगता है। देश के लोग यह जान चुके हैं कि जब भी कोई चुनाव आता है, तब अचानक समाज का एक वर्ग साम्प्रदायिकता और धार्मिक घृणा की आग को भड़काने में लग जाता है। जाँच इस बात की भी होनी चाहिए कि ये दोनो लोग किसी मिशन के तहत काम तो नहीं कर रहे थे? ये दोनों लोग हिन्दू थे तो इस्लाम धर्म क्यों अपनाये, जबकि इनका पूरा परिवार अभी भी हिन्दू धर्म को मान रहा है। जब हिन्दू से मुस्लिम हो गए तो फिर अन्य लोगो को मुस्लिम क्यों बना रहे थे ? पहले अपने परिवार को बनाना चाहिए था। सभी पहलु की बारीकी से और गंभीरता से जाँच होनी चाहिए और सच जनता के सामने आना चाहिए। जनता में खुसुर-फुसुर है कि देश में और भी कितने लोग हैं जो इस प्रकार के अवैधानिक कामो में लिप्त हैं। लेकिन इस बात की गंभीरता से जाँच की उम्मीद करना ऐसा हो गया जैसे रेत से तेल निकालना। एक शायर ने ठीक ही कहा है कि कातिल की ये दलील भी मुंसिफ ने मान ली कि मक्तूल खुद गिरा था खंजर की नोक पर। वही कातिल वही मुंसिफ अदालत उस की वो शाहिद, बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है। जनता से रिश्ता के पाठक सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के रिटायर्ड प्रथमश्रेणी अधिकारी मुंबई निवासी श्री ह्रदय तिवारी ने कबीर जयंती के अवसर और वर्तमान हालत पर भाई चारे का सन्देश देते हुए चार पंक्तिया भेजी है-हिन्दू-मुस्लिम के कबीर, दोनों ने अपना माना है, इनके अमर दोहों का बच्चा-बच्चा दीवाना है, अब कबीर की यादमें तो कुछ ऐसा खेला हो, धर्मान्तरण कदापि नहीं दिलों का मेला हो।
अब तो राहुल गाँधी की बात माननी ही होगी
पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार को आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर आना तय है, सरकार को इसकी तैयारी अभी से करनी चाहिए। पिछली बार की तरह चूक नहीं होनी चाहिए। वेक्सिनेशन के मामले में राज्यों को भाजपा-गैर भाजपा में न बांटते हुए टीके सभी को लगना चाहिए। वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर को लेकर सरकार को आगाह किया था लेकिन सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया, नतीजन लाखों लोग बेमौत मारे गए थे, काश मोदी सरकार बात मानकर अगर ऑक्सीजन, दवा और बेड का समुचित इंतेजाम की होती तो देशवासियो को बुरा दिन देखने को नहीं मिलती। वैसे भी अभी चुनाव होने में वक्त है इसलिए मोदी जी को अभी इसी पर फोकस करना चाहिए। कोरोना की तीसरी लहर का डेल्टा वेरिएंट के नाम से पहचान और अधिकृत पुस्टि भी हो चुकी है। इस बीच मोदी सरकार ने जनता को राहत देने के लिए कोर्ट को भी मना कर दिया है। कोरोना से मृत प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को 4 -5 लाख मुआवज़ा देने की सरकार की वित्तीय क्षमता नहीं होने का रोना रो रहे हैं, जबकि हजारो करोड़ का सेन्ट्रल विस्टा के आलावा अन्य कामो के लिए खजाना खोला जाना जग जाहिर है।
भाजपा के लिए विषकन्या बनी नुसरत जहाँ
विषकन्याओ के बारे में लोग सुने हैं शायद ही देखे होंगे उनका काम था की शत्रु खेमे में जाकर अपने हुस्न के जाल से वहां की जानकारी हासिल कर अपने खेमे में देना होता था। भाजपा वाले अब विषकन्या का दजऱ्ा बंगाल से तृणमूल संसद नुसरत जहाँ को दे रहे हैं। अब सवाल ये उठता है की नुसरतजहां ने शादी निखिल जैन कारोबारी से की थी जो भाजपा के प्राथमिक सदस्य भी नहीं है लेकिन नुसरत जहाँ भाजपा के लिए विषकन्या कैसे हो गए समझ में नहीं आ रहा। लेकिन भाजपा नेता बंगाल चुनाव हारने के कारणों में एक कारण नुसरत जहाँ को भी मानते हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इसे कहते हैं खिसयानी बिल्ली खम्बा नोचे।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
भाजपा के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने एक बयान में कहा की उनका शहर बिलासपुर भूमाफियाओं की राजधानी बन गई है। रिकार्ड में हेरफेर कर कब्ज़ा, शासकीय जमीन की बंदरबांट जोरों पर है। इसके जवाब में जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि 15 सालों के कार्यकाल में उनके ही संरक्षण में पले-बढे भूमाफिया अब उन्हें ढाई साल बाद नजऱ आ रहे हैं। इसके पहले वे खामोश क्यों थे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।
राजनीति में सब जायज हो गया है
भाजपा को शून्य से शिखर तक पहुंचने वाले अटलबिहारी बाजपेयी की भतीजी स्व.करुणा शुक्ला को भूपेश सरकार ने समाज कल्याण बोर्ड का चेयरपर्सन बनाया था। लेकिन केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण वे इस बोर्ड में बैठ नहीं पायीं क्योकि केंद्र सरकार उक्त विभाग को ही बंद कर दिया। करुणा जी का सम्मान कांग्रेस भाजपा दोने पार्टी के लोग करते थे। उनकी आत्मा को शांति मिले लेकिनआज की राजनीति में कुछ भी करने के पहले कुछ सोचा नहीं जा रहा है।
भूपेश बघेल प्रधानमंत्री
ननकी राम कंवर भरी सभा में भूपेश बघेल की तारीफ करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए बोल दिए। इस पर भाजपाई सफाई दे रहे कि कँवर जी ने तो भूपेश बघेल की तारीफ नहीं बल्कि टांट मार रहे थे कि मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल का प्रदर्शन बहुत ही खऱाब है कि वे प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं। जनता में खुसुर-फर है कि क्या प्रधानमंत्री का काम खऱाब है ?