जांजगीर। दूसरे राज्य में चाेरी के मामले में आराेपी दाे बदमाश फिंगर प्रिंट के माध्यम से पकड़ में आ गए। जिले में यह ऐसा पहला मामला है जिसमें फिंगर प्रिंट के माध्यम से दूसरे राज्य के अपराध में शामिल आरोपी पकड़े गए। नेफिस यानि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो का प्रोजेक्ट है। इसके जरिए किसी भी प्रकार के अपराध में शामिल आरोपियों के फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। यह फिंगर प्रिंट दिल्ली हेडक्वार्टर के सर्वर में अपलोड होता है। उसमें आरोपियों का नाम, पता, उनके अपराध की पूरी जानकारी रहती है।
इसका फायदा यह है कि अपराधी किसी भी राज्य में अपराध करता है, तो अपराध नेफिस में दर्ज किए जाते हैं। अपराधी का ब्योरा सिस्टम में दर्ज होता है, तो नेफिस से उसकी पहचान हो जाती है। ऐसे ही मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने इसी सिस्टम से पहचान की है।
थाना जांजगीर में 2022 मेें आरोपी मोहम्मद इमरान (27 साल) सा. हरिहरपुर थाना गंगारामपुर जिला दक्षिण हीरामपुर(दक्षिण बंगाल), व आरिफ हुसैन (26 साल) साकिन बीरपारा थाना इंडिया व्यापार जिला अलीपुर (पश्चिम बंगाल) के खिलाफ चोरी के अलग अलग मामले दर्ज थे। दोनों आरोपी बगीचा पारा नैला में रहते थे, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों का सर्च स्लिप में फिंगर प्रिंट लेकर एनसीआरबी नई दिल्ली ने नेफिस के ऑन लाइन डाटा बेस में अपलोड किया गया था।
मामला अभी कोर्ट में है। दोनों को जमानत मिली होगी। दोनों के खिलाफ आंध्रप्रदेश के थाना परवथीपुरम में भी चोरी का अपराध दर्ज है। फिंगर प्रिंट को आंध्र प्रदेश की पुलिस ने नेफिस में अपलोड किया तो दोनों आरोपियों का फिंगर प्रिंट मिल गया। किसी दूसरे राज्य के अपराध में आरोपियों की पतासाजी का यह जिले के लिए पहला मामला है। इस काम में हेडकांस्टेबल जगदीश्वर प्रसाद व नारद ताम्रकर का योगदान रहा।