छत्तीसगढ़ में प्याज की उपलब्धता और बाजार भाव की निगरानी के लिए सभी कलेक्टरों को दिया गया ये निर्देश
>प्याज की उपलब्धता एवं बाजार भाव की निगरानी के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी
>जिले में प्याज की उपलब्धता एवं मांग का आंकलन कर आवश्यकतानुसार प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए
>प्याज के आयात, परिवहन एवं भंडारण में यदि कोई समस्या हो तो तत्काल निराकरण किया जाए
>विक्रय स्थल पर प्याज का उपलब्ध स्टॉक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी प्रदर्शित की जाए
>प्याज के थोक एवं खुदरा बाजार भाव का प्रचार-प्रसार किया जाए
रायपुर:- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को उनके जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जिला कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य स्तरीय प्राईस मॉनिटरिंग सेल में जिलों से आवश्यक वस्तुओं के बाजार भाव के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि विगत 01 माह में प्याज के खुदरा बाजार मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि परिलक्षित हो रही है। सभी जिला कलेक्टर जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी एवं पर्यवेक्षण हेतु सतत कार्यवाही सुनिश्चित करें।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्याज के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की तत्काल बैठक लेकर जिले में प्याज की उपलब्धता एवं मांग का आंकलन कर आवश्यकता अनुसार प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिला स्तर पर प्याज की दैनिक आवक एवं खपत की नियमित समीक्षा की जाए। अन्य राज्यों से प्याज के आयात, परिवहन एवं भंडारण संबंधी कोई समस्या हो तो इसका तत्काल निराकरण किया जाए। थोक व्यापारियों के विक्रय स्थल पर प्रतिदिन प्याज का उपलब्ध स्टॉक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित कराई जाए।
कलेक्टरों को कहा गया है कि जिले में उपलब्ध प्याज के थोक एवं खुदरा बाजार भाव का प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आम लोगों को इस संबंध में जानकारी उपलब्ध हो सके और खुदरा व्यापारी अनावश्यक अधिक मूल्य पर प्याज का विक्रय न कर सकंे।
इसके अतिरिक्त आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 की धारा 3 (क) के प्रावधानों के अंतर्गत कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत स्टाक लिमिट की आवश्यकता होने पर राज्य शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत सुनिश्चित की जाए।