न रंग न पिचकारी न गुलाल फिर भी खुशी के रंग में रंग गए सारे
भिलाई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात होली पर्व बड़े ही हर्षोल्लास और उमंग उत्साह के साथ मनाया गया। जहां पर ना रंग था, ना पिचकारी ना ही गुलाल फिर भी सभी खुशी के रंग में रंगे हुए थे। सभी को शीतल चंदन का तिलक लगाकर गुलाबाशी पुष्पों की वर्षा कर होली पर्व मनाया गया।
राधे कृष्ण के साथ संस्कार मिलन की रास करते हुए सभी ने संस्कार मिलन की रास की अर्थात जीवन में सरलता, खुशी,आत्मिक मुस्कान, दिव्य गुणों की धारणा के साथ खुश रहकर दूसरों को भी खुशी का रंग लगाना है।
इसके पश्चात राजयोग भवन परिसर संध्या होली स्नेह मिलन में जीना इसी का नाम है, सुबह जल्दी उठने के फायदे,जैसा अन्न वैसा मन, छत्तीसगढ़ की परंपरा, जय जोहार सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया, देखो समझो, नाटक आज के जीवन में आध्यात्मिकता की आवश्यकता, इंश्योरेंस एजेंट, डर के आगे जीत है, आदि हास्य नाटकों, नृत्य, व्यंग गीतों के माध्यम से बहुत सुंदर संदेश दिया गया की जीवन में मुस्कुराने का वरदान सिर्फ मनुष्य को मिला है, जिसको अपने लक्ष्य मंजिल का पता नहीं वह भटकता है, कहीं खुशी कहीं गम बीच में हम इन प्रस्तुतियों को देख कर सभी हंस-हंस के लोटपोट हो गए।