छत्तीसगढ़

अल्पसंख्यक आयोग में मुस्लिम चेयरमैन नहीं, छलका दर्द

Nilmani Pal
12 Nov 2021 5:38 AM GMT
अल्पसंख्यक आयोग में मुस्लिम चेयरमैन नहीं, छलका दर्द
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  1. छग के मुस्लिम समाज के लोगों ने सोनिया गांधी-भूपेश बघेल को लिखा पत्र
  2. सुन्नी मुस्लिम छत्तीसगढ़ में हमेशा कांग्रेस पार्टी को चुनाव में एकतरफा वोट देती है।
  3. अल्पसंख्यक आयोग का पद किसी और अल्पसंख्यक समाज को देने से जनसंख्या के अनुपात में गैरवाजिब और गैर जरूरी बताया जा रहा है।
  4. अल्पसंख्यक आयोग का पद कैबिनेट मंत्री का दर्जा होने के कारण इस शासकीय पद को पाने के लिए मुस्लिम समाज ने बड़ा मर्तबा और सम्मान वाला माना जाता है।
  5. कांग्रेस पार्टी के इतिहास में हमेशा अल्पसंख्यक आयोग कैबिनेट मंत्री का दर्जा कमोबेश सुन्नी मुसलमान को ही मिला है।
  6. कांग्रेस पार्टी सत्ता में आते ही सुन्नी मुस्लिम नेताओंं की बाझें खिली थी, आशा की एक लहर दौड़ी थी कि आयोग के जरिए समाज को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुस्लिम समाज के लोगों ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर समाज के व्यक्ति को नियुक्त करने की मांग की है। वर्तमान में आयोग का अध्यक्ष गैर मुस्लिम समाज से है। मुस्लिम समाज के लोगों ने कांग्रेस हाईकमान और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर समाज के व्यक्ति को आयोग की नुमाइन्दगी सौपने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम समाज हमेशा कांग्रेस के साथ रहा है और समुदाय के वोटरों का समर्थन प्रारंभ से कांग्रेस को मिलता रहा है। बावजूद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के समाज को अल्प संख्यक आयोग में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। इससे समाज के लोगों में मायूसी है। कांग्रेस के प्रति वफादार रहने वाले समाज के प्रतिनिधियों ने सोनिया गांधी और भूपेश बघेल से मांग की है कि समाज को मुस्लिम कल्याण के लिए बनाए गए आयोग में प्रतिनिधित्व दिया जाए जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी समस्याओं का समाधान निकालते हुए समाज के कल्याण के लिए कार्य कर सकें।

समाज के लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजे पत्र में निवेदन के साथ अवगत कराया है कि अल्पसंख्यकों में सर्वाधिक संख्या मुस्लीम समाज के लोगों की है बावजूद अल्पसंख्यक आयोग में मुस्लिम को अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। यह विडंबना है कि भाजपा से ज्यादा कांग्रेस की सरकार में मुस्लिम समाज वंचित है। जबकि मुस्लिमों का एकतरफा वोट हमेशा कांग्रेस को जाता रहा है। समाज के लोगों ने इस पर सोनिया गांधी से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए राज्य सरकार को निर्देशित कर आयोग में मुस्लिम चेयरमेन की नियुक्ति कर समाज में बढ़ रही नाराजगी को दूर करने की मांग की है। पत्र में यह भी कहा गया है कि भाजपा ने अपने शासन काल में गैर मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को ही चेयरमेन बनाया था और उसी तर्ज पर कांग्रेस सरकार ने भी एक गैर मुस्लिम को आयोग का अध्यक्ष बनाकर मुस्लिम समाज की उपेक्षा की है। ऐसे में मुस्लिमो का समर्थन कांग्रेस को मिलता रहे इसके लिए सरकार के आयोग में समाज को अधिकाधिक प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है इसके लिए राज्य को सरकार को निर्देशित किया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण के बाद पहली सरकार में कांग्रेस की बनी थी। तीन साल के अपने कार्यकाल में इस सरकार ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन के पद पर मुस्लिम समाज के व्यक्ति को नियुक्त किया गया था। इसके बाद भाजपा शासन काल के कुछ वर्षों तक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को ही अल्पसंख्यक आयोग का प्रतिनिधित्व सौंपा गया था उसके बाद क्रिश्चन और सिख समुदाय के व्यक्तियों को आयोग का चेयरमेन बनाया गया था।

कांग्रेस की ये परंपरा रही है कि मुस्लिम समुदाय में सर्वाधिक संख्या वाले सुन्नी मुसलमानों को ही आयोग का चेयरमेन का पद दिया जाता रहा है। चेयरमेन का पद कैबिनेट दर्जा प्रप्त होता है इससे समाज को सरकार में प्रतिनिधित्व मिलने का भान होता है और वे इसके माध्यम से ही अपनी समस्याों को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता है। इस नियुक्ति के आधार पर ही मूसलमानों का बड़ा वर्ग कांग्रेस को अपना समर्थन देते आ रहा है। लेकिन कांग्रेस सरकार में गैर मुस्लिम समुदाय से आयोग का चेररमेन बनाए जाने और सुन्नी मुसलमान समुदाय को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से समुदाय के लोगों का दर्द उभर आया है। अपनी इसी पीड़ा से समाज के लोगों और मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया है।

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