छत्तीसगढ़

Raipur News: भू-माफियाओं की खैर नहीं, प्रशासन सख्त

Nilmani Pal
2 July 2024 5:38 AM GMT
Raipur News: भू-माफियाओं की खैर नहीं, प्रशासन सख्त
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जनता से रिश्ता पिछले कई अंक में समाचार प्रकाशित कर सरकार को आगाह कर रहा है

राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर किया कब्ज़ा

भूमाफियाओं ने कमल विहार गेट के पास राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन को भी नहीं छोड़ा। कमल विहार गेट के सामने डुंडा में मुख्य मार्ग में लगभग तीन एकड़ जमीं पर भूमाफियाओ ने सत्ता पक्ष के लोगों और अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर ट्रस्ट की जमीन को ही हथिया लिए हैं । भूमफियकाओ के हौसले कितने बुलंद है इस बात से ही तस्दीक की जा सकती है। उन्हें प्रशासन के आदेश की कोई परवाह नहीं है

रायपुर raipur । प्रशासन का मानना है कि 80 फीसदी फॉर्म हाउस नियमों के विरूद्ध बने हुए हैं , चारो ओर अवैध कब्जाधारियों ने सरकारी जमीनों को दबा कर अवैध प्लाटिंग भी किये हुए हैं यदि सबकुछ अधिकारियो को मालूम है तो नक्शा और जमीन का मिलान कर अवैध कालोनी और अवैध प्लाटिंग को रोक क्यों नहीं पा रहे हैं। अभी सरकार के नए फरमान से राज्य के कई बड़े उद्योपति, कारोबारी, रसूखदार और राजनेता सकते में हैं ऐसा लोग खबर फैला रहे हैं लेकिन ये रसूखदार लोग नियमों को तोड़मरोड़ कर रास्ता निकलना जानते हैं उनके इस मुहीम में वही अधिकारी साथ देते हैं जो नियम बनाते हैं। वैसे भी कहा जाता है कि नियम बनने के पहले ही उसका तोड़ निकाल लिया जाता है। बहरहाल प्रशासन को सख्त होना ही पड़ेगा तभी अवैध कब्ज़ा और अवैध प्लाटिंग रुकेगी। chhattisgarh news

chhattisgarh गौरतलब है कि राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद भूमि सर्वेक्षण सर्वे सहित कई आमूलचूल परिवर्तन से जमीन संबंधी गड़बडिय़ों को रोकने की दिशा में सरकार आगे बढ़ गई है। अब जमीनों की नए सिरे से जांच करने का फरमान जारी कर दिया गया है। अवैध कब्जा और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई तय माना जा रहा है राज्य बनने के बाद पहली बार अब शहर के आउटर में बने फॉर्म हाउस की जांच की जाएगी। ये देखा जाएगा कि फार्म हाउस निर्धारित मापदंडों के अनुसार एक एकड़ जमीन पर बने हैं या नहीं? जहां बने हैं वहां सामने से गुजरने वाली सडक़ की चौड़ाई 60 फीट है या नहीं? टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की टीम अगले महीने जांच करने फील्ड पर उतरेगी। विभाग के इस नए फरमान ने राजधानी समेत राज्य के कई बड़े उद्योपतियों, कारोबारियों, रसूखदारों और कुछ राजनेताओं को भी सकते में डाल दिया है। क्योंकि विभाग के अफसरों का दावा है कि केवल रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार समेत आसपास के इलाके में बने 80 फीसदी फॉर्म हाउस नियमों के खिलाफ हैं। किसी ने आधे एकड़ तो किसी ने 10-12 हजार वर्गफुट जमीन पर फार्म हाउस बना लिया है। कई ने गांव के बीच ऐसी जगह फार्म हाउस बना लिया है जहां सामने से गुजरने वाली सडक़ 20 मीटर की भी नहीं है। टाउन प्लानिंग रायपुर के पास 34 ऐसे फॉर्म हाउस की सूची है जिन्होंने नियमों के साथ अनुमति ली है। लेकिन विभाग के पास इस बात की भी पुख्ता रिपोर्ट है कि 150 से ज्यादा फॉर्म हाउस नियमों के खिलाफ बने हैं। इसलिए अब सभी फॉर्म हाउस की नए सिरे से जांच की जाएगी। इसके लिए टाउन एंड प्लानिंग विभाग टीम बना रहा है। फार्म हाउस बड़े लोगों का आहाता ग्राउंड प्लस वन फ्लोर ही निर्माण। इससे ज्यादा नहीं होना चाहिए, पहले फ्लोर की छत भी स्लोपनुमा होनी चाहिए। ताकि उस पर दूसरा फ्लोर न बन पाए। फार्म हाउस को कमर्शियल उपयोग शराब पार्टी के लिए किए जाने की शिकायत मिली भगत से दबा हुआ है। फॉर्म हाउस को किराये पर देने का प्रचलन भी खूब बढ़ गया है। यह एक नए कारोबार के तौर पर विकसित हो रहा है। सोशल मीडिया में इसके लिए जमकर प्रचार किया जा रहा है। लोगों को ऑफर दिए जाते हैं कि वे एक दिन अपने परिवार के साथ फॉर्म हाउस में बिता सकते हैं। इसके लिए 4000 से 10 हजार रुपए तक चार्ज किया जाता है। इसके अलावा फॉर्म हाउस को शादी की सालगिरह, बर्थ-डे या छोटे समारोह के लिए भी बुक किया जा रहा है। खाने-पीने की व्यवस्था होने की वजह से इसका किराया ज्यादा होता है। ऐसे फॉर्म हाउस को खासतौर पर युवाओं का ग्रुप बुक कर रहा है जो अपने महिला मित्रों के साथ टाइम इस्पेंड करना चाहते है। बताया जाता है कि ऐेसे फॉर्म हाउस में शराब पार्टी भी खूब रंगीन हो रही है। नियमों के खिलाफ किसी भी फॉर्म हाउस का उपयोग व्यापार के लिए नहीं किया जा सकता है। इसलिए सोशल मीडिया में जो इसका प्रचार कर रहे हैं उन्हें नोटिस पहले दी जाएगी।छोटे-छोटे फार्म हाउस के खिलाफ साजिश फॉर्म हाउस बनाने का नियम 50 साल पुराना है। इसलिए अब इस पर बदलाव की मांग की जा रही है। छत्तीसगढ़ क्रेडाई ने इसके लिए आवास एवं पर्यावरण मंत्री को प्रस्ताव भी दिया है। इससे नियमों के खिलाफ जो फॉर्म हाउस बन रहे हैं उनका निर्माण रुक जाएगा। टाउन प्लानिंग के अफसरों का कहना है कि इस प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है। जानकारों की माने तो एक पार्म हाओउस गिरोह जो छोटे -छोटे फार्म हाउस को खरीदना चाहते है उसके खिलाफ सांठगांठ कर सरकार से कार्रवाई कराकर दबाव बनाकर फार्म हाउस औने-पौने दाम पर खरीदना चाहते है।

लैंड यूज़ बदल कर उपयोग कर रहे

राज्यभर में नियमों के खिलाफ फॉर्म हाउस बने हैं। अब इनका कमर्शियल उपयोग भी किया जा रहा है। इसलिए जांच जरूरी है। नियमों में बदलाव के लिए सभी पहलूओं की जांच की जा रही है। जिनमें बदलाव कर सकते हैं उसे जरूर करेंगे। ओपी चौधरी, मंत्री आवास एवं पर्यावरण छत्तीसगढ़ में फार्म हाउस में लाल कारपेट में काला कारोबार राज्य बनने के दौरान काले कारोबारियों ने किसानों की जमीनों पर किया कब्जा पावर ऑफ अटर्नी से फार्म हाउस, बिल्डिंग बनाकर अरबों कमा रहे सौदागर किसानों के बेटों को शराब पीने और जुआ खेलने की लत लगाकर जमीन हड़पने के लाखों मामले कला के नाम पर नग्नता परोसने का काम सालों से चल रहा है राज्य विभाजन के बाद काले कारोबारियों ने राजधानी रायपुर को सबसे सुरक्षित ठिकाना मानकर 2000 में सस्ते दाम में किसानों से जमीन लेकर फार्म हाउस बनाकर छोड़ दिया और अब 20 साल नशे के सौदागर इसका उपयोग कर रहे है। बड़े और छोटे किसानों के बेटों को शराब पीने और जुआ खेलने की लत लगाकर जमीन हड़पने के लाखों मामले अभी भी कोर्ट में लंबित है। 2-4 लाख जो बयाना राशि देकर सैकड़ों एकड़ जमीन की पावर ऑफ अटर्नी लिखा कर फार्म हाउस, बिल्डिंग बनाकर अरबों रुपए कमा रहे है। देकर फार्म हाऊस को मिनी थियेटर का रूप देकर यहां कला के नाम पर नग्नता परोसने का काम सालों से चल रहा है। राजधानी के आऊटरों में बने फार्म हाउस इन दिनों अपने कारनामों से सुर्खियों में है।

नशे का खुला कारोबार

यहां ड्रग से लेकर नशे के सारे सामान उपलब्ध कराते है। इन फार्म हाऊसों को नवधनाढ्यों ने किराए में लेकर इसे नशेडिय़ों का सुरक्षित अड्डा बना रखा है। फार्म में कभी लोगों की जिंदगी के शान-ए-शौकत और धनवान होने की पहचानके नाम से जाना जाता था, लेकिन पिछली 20 -25 सालों से यह फार्म हाउस वैश्यावृत्ति का अड्डा बन चुका है। होटलों में किराया प्रतिदिन लगाने वाले लाखों के किराए देने के बजाय आयोजकों ने सस्ता वाला रास्ता निकल लिया है। सस्ते में 10-20 हजार रुपए मासिक किराए पर फार्म लेकर खुले आम नंगा नाच करने का लाइसेंस ले लिया है। फार्म हाउसों में रेड कारपेट में काला काम किया जा रहा है। देश भर के माफिया, सरगना, सटोरिए, गांजा, चरस, अफीम के तस्करों का अड्डा फार्म हाउस बना हुआ है। जो यहां नशीले सामानों की सप्लाई के साथ इंजाय करके अपने अड्डे पर वापस चल जाते है। लगातार पिछले डेढ़ दो सालों से फार्म हाउस में पार्टी का चलन रायपुर जि़ले के आस पास अमलेश्वर से शुरू होकर वीआईपी रोड, नया रायपुर, उपरवारा, माना, धरसींवा, सड्डू, सेजबहार, कोलर, छछानपैरी, पुराना धमतरी रोड, बलौदाबाजार रोड, दुर्ग-भिलाई रोड, कुम्हारी, अहिवारा रोड के फार्म हाउस में खुले आम वैश्यावृत्ति और नशे का सामान परोसा जा रहा है। नशे के सौदागर नग्न पार्टी के आयोजक अपना ठिकाना बदलकर रायपुर जि़ले के आसपास के फार्म हाउस को किराया में ले रहे जिसके चलते अचानक फार्म हाऊसों को किराया में बेहताशा वृद्धि हुई है । इसका एकमात्र कारण है नशे के सौदागर नग्न पार्टी के आयोजक अब होटलों में पकड़े जाने के डर से खुले आसमान के नीचे फार्म हाऊस की ओर अपना रुखकर लिए है।

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