छत्तीसगढ़

QR कोड से ठगी की रिपोर्ट आजकल ज्यादा, ऐसे बचे

Nilmani Pal
2 Jan 2025 8:35 AM GMT
QR कोड से ठगी की रिपोर्ट आजकल ज्यादा, ऐसे बचे
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रायपुर। क्यूआर (QR) कोड से ठगी की रिपोर्ट आजकल ज्यादा आ रही है आज जानते है कि क्यूआर कोड से ठगी कैसे होती है.

👉ठग फर्जी क्यूआर कोड प्रिंट करके दुकानों, पेट्रोल पंपों, या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चिपका देते हैं। जब आप इसे स्कैन करते हैं, तो भुगतान उनके खाते में चला जाता है, न कि असली विक्रेता के खाते में।

👉ठग आपको कॉल करके या किसी अन्य माध्यम से यह कहते हैं कि वे आपको पैसे रिफंड करेंगे। इसके लिए वे एक क्यूआर कोड भेजते हैं। जब आप उसे स्कैन करते हैं और ओटीपी डालते हैं, तो आपके खाते से पैसा निकल जाता है।

👉 फर्जी क्यूआर कोड बनाकर लोगों को स्कैन करने के लिए कहा जाता है, जिससे वे फिशिंग वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं। वहां पर संवेदनशील जानकारी (जैसे बैंक डिटेल्स, कार्ड नंबर, ओटीपी) चोरी की जाती है।

👉ठग किसी ऑफर, इनाम, या कैशबैक का लालच देकर क्यूआर कोड स्कैन करने को कहते हैं। स्कैन करने के बाद, आपका पैसा उनके खाते में चला जाता है।

👉 ईमेल, एसएमएस, या सोशल मीडिया पर क्यूआर कोड भेजा जाता है और कहा जाता है कि यह किसी प्रमोशन या रिवॉर्ड के लिए है। जब आप इसे स्कैन करते हैं, तो आपकी व्यक्तिगत जानकारी या पैसे चोरी हो सकते हैं।

क्या करें/क्या नही करें

👉किसी भी क्यूआर कोड को बिना सोचे-समझे स्कैन न करें

सुनिश्चित करें कि क्यूआर कोड भरोसेमंद स्रोत से आया हो।

👉भुगतान करते समय क्यूआर कोड की वैधता जांचें, अगर दुकान में क्यूआर कोड लगा है, तो विक्रेता से उसका बैंक खाता नाम और क्यूआर कोड मिलाएं।

👉रिफंड के नाम पर क्यूआर कोड स्कैन न करें, याद रखें, रिफंड के लिए क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं होती।

👉 स्कैन करने के बाद यदि कोई वेबसाइट खुलती है, तो उसकी वैधता जांचें।

👉कभी भी अपने बैंक डिटेल्स, ओटीपी, या पिन किसी से साझा न करें।

👉अज्ञात स्रोतों से आए क्यूआर कोड को नजरअंदाज करें।खासकर ईमेल, मैसेज, और सोशल मीडिया पर भेजे गए क्यूआर कोड।

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

👉 तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और ट्रांजेक्शन को ब्लॉक करें।

👉 1930 और साइबर क्राइम पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें।

👉स्थानीय पुलिस थाने और साइबर सेल में रिपोर्ट दर्ज कराएं।


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