छत्तीसगढ़

जनता के हाथों में है इनकी तकदीर, आईना झूठा सच्ची है तस्वीर

Nilmani Pal
3 Jun 2022 5:58 AM GMT
जनता के हाथों में है इनकी तकदीर, आईना झूठा सच्ची है तस्वीर
x

ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

सच बोलने के आदी हैं डॉ. साहब

पिछले दिनों भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी के बैठक में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह सच सच बोल गए। एक अखबार ने उनका एक ऐसा बयान छापा था, अगर उनका बयान सही है तो वाकई छत्तीसगढ़ में भाजपा की हालत ठीक नहीं है। अखबार के अनुसार उनका बयान यह भी था कि पिछले तीनों चुनाव भाजपा अपने स्वयं के बलबूते पर नहीं जीती बल्कि अन्य राजनीतिक दलों की उपस्थिति और वोटों के बंटवारे के वजह से सत्ता मिली थी। हालांकि जनता से रिश्ता इस बात की पुष्टि नहीं करता। ये भी जानकारी मिल रही है कि डॉ साहब ने उक्त अख़बार को लीगल नोटिस भी भेजा है. बहरहाल जनता में खुसुर-फुसुर है कि डॉ साहब ने बिलकुल सही कहा भाजपा को सत्ता के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी,जनता से जुड़े मुद्दे को उठाना होगा तभी संभव है। वैसे भी भाजपा का कवर्धा मॉडल को छत्तीसगढिय़ों ने बुरी तरह से नकार दिया है ऐसे में जेल भरो आंदोलन के जगह आंदोलन रोकने के लिए सरकार द्वारा खोदे गए गड्ढों को भरो आंदोलन करना होगा ताकि जनता उन गड्ढों में गिरकर घायल न हों। राजनीतिज्ञों के लिए किसी ने ठीक ही कहा है कि जनता के हाथों में है इनकी तकदीर, आईना झूठा सच्ची है तस्वीर।

भाजपाइयों का जागा छत्तीसगढिय़ा प्रेम

प्रेम की कोई भाषा नहीं होती है, इसका इजहार मौन होकर भी किया जा सकता है। शायरों और कवियों ने प्रेम को अपने शब्दों में बहुत ही सुंदर ढंग से पिरोया है जिससे आज जनता उनको पढ़े तो कथा और कथानक की जिंदगी को अपने साथ जोड़कर पढ़े। लेकिन हम यहां सत्ताधारी दल कांग्रेस और भाजपा के छत्तीसगढ़ी भाषा और जनता को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप की बात कर रहे है। हाल ही में राज्यसभा की दो सीटों के लिए कांग्रेस आलाकमान ने यूपी और बिहार कै डर के नेताओं को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजने का मन बनाया है। इस पर भाजपा ने सीएम के छत्तीसगढिय़ा प्रेम को लेकर मोर्चा खोल दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सीएम भूपेश बघेल साढ़े तीन साल तक छत्तीसगढिय़ा प्रेम अलाप रहे थे, जब प्रेम दर्शाने के समय आया तो दिल्ली के शरणागत हो गए। ये कैसा छत्तीसगढिय़ा प्रेम है, जो वक्त पर ही दगा दे जाए। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपाई दीदी की हंटर से प्रताडि़त होकर सीएम भूपेश पर दगाबाजी का आरोप लगाकर गम गलत कर रहे हैं, ताकि भाजपा हाईकमान को लगे की भाजपाई जागृत हैं। राजनीति तो संभव और असंभव का तानाबाना वाला मायाजाल है, जिसमें असंभव संभव हो जाता है और संभव असंभव हो जाता है। ये तो सभी को मामूल है कि ये चुनावी साल है जिसमें हर नेता सामने वाले से बड़ी लाइन खींचने की कवायद करते रहते हैं।

राजीव शुक्ला अभी से करने लगे खेलों को प्रमोट

प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करने वाले कांगे्रस प्रत्याशी राजीव शुक्ला ने दावा किया है कि भूूपेश सरकार छत्तीसगढ़ में बेहतर काम कर रही है। कांग्रेस सरकार आने के बाद यहां नक्सल समस्या काफी हद तक खत्म हो गई है। शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेलों को प्रमोट करने के लिए काम करेंगे। राजीव शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं है, यहां के लोग टैलेंटेड है, यूपीएससी में बेटी ने टॉप किया। यहां की समस्या को ससंद में पुरजोर ढंग से उठाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी वहीं केंद्र सरकार से बात कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि शुुक्ला जी आप तो अभी से खेल को प्रमोट करने लगे है। सबसे पहले उन्होंने कुर्सी दौड़ को प्रमोट किया । जिसमें वे छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को पीछे धकेल कर आगे निकल गए है। इससे बढिय़ा और क्या प्रमोट हो सकता है। छत्तीसगढ़ में स्थानीय कुर्सी दौड़ को भी राज्यीय खेल का दर्जा दे देना चाहिए।

डॉ रमन सिंह का कहना भी सही है

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भूतपूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का भी दर्द छलक गया। दरअसल हुआ ये कि छत्तीसगढ़ से राजयसभा में दो लोगों को जाना था। उनके मुताबिक दोनों को छत्तीसगढिय़ा होना चाहिए था। उनका कहना भी वाजिब है क्योंकि छत्तीसगढ़ का कोटा छत्तीसगढिय़ा से भरा जाना चाहिए उन्होंने आगे यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं के हिसाब से प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति होगा तो वह छत्तीसगढिय़ा ही होगा लेकिन यही बात राज्यसभा में भेजने की बात आती है तो कुछ भी चलेगा। ऐसा दोहरा चरित्र कांग्रेस का है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि पिछले कई सालों से राज्यसभा में कोई भी कहीं से सदन में पहुंच रहे है छत्तीसगढ़ से उच्च सदन में प्रदेश के बाहर के लोगों को भेजा गया और पंजाब से छत्तीसगढिय़ा को भेजा गया।

सीएम दुबले और अधिकारी मोटे

फिजुलखर्ची को लेकर सीएम दुबले हो गए और अधिकारी मोटे हो गए हैं मुख्यमंत्री भूूपेश बघेल आर्थिक स्थिति को देखते हुए फिजुलखर्ची रोकने की सलाह देते है वहीं उनके अधिकारी उनके सलाह से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। पिछले दिनों पीएमजीएसवाय के सीईओ ने ऐसा खेल दिखाया कि सबके चारों खाने चित हो गए। जिस मशीन की छग में जरूरत ही नहीं है उसे 4 करोड़ में खरीद लिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अधिकारियों को मालूम है कि सरकारें आती जाती रहती है हमको तो यहीं रहना है। नो टेंशन?

सचिव बनने का अपना ही आनंद

हर आईएएस अधिकारी की चाहत होती है कि सीएम की सचिव बने। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे सीएम हाउस में सचिवों की अदला-बदली होती रहेगी। सीएमओ में बैठकर काम करने का अपना ही अलग सुख है। जहां मुख्य सचिव तक आपका कद हो जाता है। राज्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों को परफारमेंस के आधार पर प्रमोट कर दिए गए है। उर्जा विभाग के सचिव तथा छग राज्य विद्युत मंडल कंपनी के अध्यक्ष अंकित आनंद को वर्तमान कर्तव्यों के साथ सचिव मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं जिला पंचायत के सीईओ मयंक चतुर्वेदी को निगम में पदस्थ करते हुए स्मार्ट सिटी के प्रबंध संचालक का प्रभार दिया गया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भैया अभी तो चुनाव डेढ़ साल बाकी है, तब तक अंकित जी प्रदेश में उर्जा फैलाकर उर्जित करते रहेंगे। जब चुनाव एकदम नजदीक आ जाएगा तब का तब देखा जाएगा। फिलहाल तो सीएमओ में काम करने का आनंद लेते रहिए।

Next Story