छत्तीसगढ़

दो माह में तीन बार चोरी की घटना, सुरक्षा गार्ड्स ने रंगे हाथो पकड़ा और पुलिस ने छोड़ा

jantaserishta.com
21 Sep 2023 12:07 PM GMT
दो माह में तीन बार चोरी की घटना, सुरक्षा गार्ड्स ने रंगे हाथो पकड़ा और पुलिस ने छोड़ा
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आरोपी से सामान भी जब्त किया गया.
राजनांदगांव: जिला अस्पताल में मरीजों के साथ डॉक्टरों, महिला स्टाफ और मरीजों की सुरक्षा केवल 1 हवलदार 1 जवान के अलावा अस्पताल में तैनात 12 सुरक्षा गार्ड्स के भरोसे है। पुलिस चौकी होने और सुरक्षा गार्ड्स तैनात होने के बाद भी यहां बदमाशों को कोई डर नहीं रहता। दो माह में यहां तीन बार चोरी की वारदात हो चुकी है। सुरक्षा गार्ड्स ने चोर को चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी से सामान भी जब्त किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने आरोपियों को बसंतपुर पुलिस के हवाले किया लेकिन पुलिस उन चोरों को छोड़ दिया।
मेटास कंपनी को जिला अस्पताल की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। इतने बड़े अस्पताल में मेटास कंपनी के 12 गार्ड्स अलग-अलग शिफ्ट में तैनात होते है। इसी परिसर में 100 बेड का मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट अस्पताल भी संचालित किया जा रहा है। जहां गॉयनिक ओपीडी, बच्चा वार्ड, एसएनसीयू और पीएनसी वार्ड एवं बच्चा वार्ड है। इधर पुराने भवन में महिला मेडिसिन, पुरुष मेडिसिन वार्ड में मरीज भर्ती किए जाते है। अस्पताल में नए भवन का निर्माण जारी होने के कारण निर्माण सामग्री रखी है। विगत दिनों पकड़े गए चोरों के कब्जे से लोहे के सामान बरामद किए गए थे। चोरी के चक्कर में मेडिकल मशीनरी और उपकरणों, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी, एक्स-रे मशीनों एसी एवं कम्युटर के पार्ट्स चोरी करने एवं छेड़छाड़ का खतरा बना हुआ है।
पुलिस चौकी में लंबे समय से स्टाफ की कमी
जिला अस्पताल की पुलिस चौकी में लंबे समय से स्टाफ की कमी है। पुलिस चौकी में नियम से 1 एसआई और 4 जवानों की ड्यूटी लगाई जानी है। वर्तमान में यहां पर केवल एक हवलदार और एक जवान है। चौकी स्टाफ भी केवल हादसे और अपराध के मामले की लिखा पढ़ी एवं पीएम कराने तक सिमित रहता है। अस्पताल की नियमित गश्त नहीं हो पाती ऐसे में बदमाशों के हौसले बुलंद होते जा रहें है। यहां चौबिसों घंटे चोर, बदमाशों एवं असामाजिक तत्वों की घुसपैठ बनी रहती है जो दिन में रेकी करते है और रात में चोरी की वारदात को अंजाम देते है।
0 महिला डॉक्टर्स और स्टाफ नर्सो में दहशत
जिला अस्पताल में नाइट ड्यूटी करने वाली महिला डॉक्टर्स और स्टाफ नर्सो में दहशत बनी रहती है। कुछ महिला डॉक्टरों ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ केके जैन को नाईट की जगह दिन की शिफ्ट में ड्यूटी लगाने की मांग पर पत्र सौंपा था। लेकिन यहां संभव नहीं होने के कारण उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया। महिला डॉक्टरों एवं स्टाफ नर्सों का कहना है रात में सन्नाटा पसरा रहता है। पुलिस चौकी में स्टाफ नहीं है। केवल 12 सुरक्षा गार्ड्स है जो तीन शिफ्ट में ड्यूटी करते है। ऐसे में महिला स्टाफ को चोरी, लूट और छेड़खानी का भय रहता है।
0 पुलिस चौकी में स्टाफ बढ़ाने की मांग पूरी नहीं
सिविल सर्जन डॉ केके जैन ने बताया कि जिला अस्पताल की पुलिस चौकी में 1 एसआई और 4 जवान एक चार के बल की मांग पर कई बार एसपी को पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं हुई। सुरक्षा गार्ड्स की संख्या बढ़ाने की जरुरत पत्र लिखा गया है। सुरक्षा गार्ड्स ने चोरी करते जिन आरोपियों को पकड़ा था उन्हें बसंतपुर थाने में सौंप कर उन्हें नहीं छोड़ने अलग से पत्र लिखा गया था लेकिन पुलिस उन्हें छोड़ देती है। ऐसे में पहले पकड़े गए चोर ही अगली बार भी चोरी की घटना को अंजाम देते है। दो माह में तीन बार चोरों को चोरी करते पकड़ा गया है।
0 डॉक्टरों और स्टाफ से मारपीट की घटना हो चुकी
सुरक्षा गार्ड्स ने 17 सितंबर को एक चोर को चोरी करते रंगे हाथों पकड़ा था। चोर रिक्शा लेकर पहुंचा था उसमें लोहे का सामान लेकर भागने ही वाला था तभी उसे पकड़ा गया। इसके पहले 30 अगस्त को एक चोर पकड़ा था। जुलाई माह में भी एक चोर को पकड़ा गया था जो अस्पताल में लगी एसी का सामान चोरी कर भागने के प्रयास में था। अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट और महिला स्टाफ से बहस और विवाद की घटनाएं हो चुकी है। वहीं वार्ड में भर्ती मरीजों एवं परिजनों के मोबाईल, पर्स एवं अन्य सामान चोरी होने की घटना भी हो चुकी है।
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