छत्तीसगढ़
युवक ने की थी ख़ुदकुशी, मामले के बाद एसपी ने जिलें में किया फेरबदल
Shantanu Roy
3 Dec 2022 2:28 PM GMT
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छग
बिलासपुर। बिलासपुर में पिता की पिटाई के बाद युवक के खुदकुशी केस में SSP ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिल्हा थानेदार को लाइन अटैच कर दिया है। इस केस में सिपाही पर उसके पिता को पीटने का आरोप था। इसके साथ ही एसएसपी ने 10 थानेदारों को भी इधर से उधर किया है। इसमें शुक्रवार को दो पुलिसकर्मियों की पिटाई के बाद सरकंडा के थानेदार को भी हटा दिया गया है। अब तोरवा थाना प्रभारी फैजूल शाह को सरकंडा थाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकंडा थाने में शुक्रवार को हवलदार और आरक्षक के बीच जमकर मारपीट हो गई थी। इस विवाद के बाद SSP ने दोनों को लाइन अटैच कर दिया। साथ ही सिटी कोतवाली CSP पूजा कुमार को जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि हवलदार ने आरक्षक से गाली-गलौज किया, उसके मना करने के बाद उसने थप्पड़ जड़ दिया, तब आरक्षक ने भी मारपीट कर दी। देखते ही देखते दोनों के बीच झूमाझटकी और मारपीट हो गई। इस विवाद के दूसरे ही दिन SSP पारुल माथुर ने TI उत्तम साहू को हटाकर तोरवा थाने भेज दिया है।
जारी आदेश के अनुसार महिला थानेदार कौशिल्या साहू के DSP बनने के बाद उन्हें पुलिस लाइन में पदस्थ किया गया है। इसी तरह तोरवा थाना प्रभारी फैजूल शाह को सरकंडा, सरकंडा टीआई उत्तम साहू को तोरवा, बिल्हा थानेदार अंजना केरकेट्टा को पुलिस लाइन, हर्री थानेदार बृजलाल भारद्वाज को पचपेड़ी, पचपेड़ी टीआई मोहन भारद्वाज को यातायात थाना, यातायात थाना प्रभारी सुनील कुर्रे को हिर्री थाना प्रभारी, लक्ष्मी चौहान को पुलिस लाइन से महिला थाना प्रभारी, एसआई मनोज नायक को सिविल लाइन थाने तारबाहर थाना प्रभारी, तारबाहर थाना प्रभारी देवेश राठौर को बिल्हा थाना, एसआई राज सिंह को सरकंडा से मोपका चौकी प्रभारी और मोपका चौकी प्रभारी को मोपका से सरकंडा थाने में पदस्थ किया गया है।
सिपाही की पिटाई से दुखी युवक के सुसाइड केस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने सख्ती दिखाते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। आयोग ने कहा है कि पुलिस की असंवेदनशील और अमानवीय रवैए के कारण युवक ने अपना जीवन खो दिया है। इस पूरे मामले की जांच के लिए आयोग की टीम बिल्हा थाने आएगी और यह पता लगाएगी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने वाले दोषी अधिकारी कौन है और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। आयोग की इस तीखे तेवर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इधर, गुरुवार को पुलिस की समझाइश के बाद घटना के तीसरे दिन परिजन शव ले जाने के लिए तैयार हुए और उसका अंतिम संस्कार किया।
सिपाही की पिटाई से दुखी बेटे ने ट्रेन से कटकर दी थी जान
ग्राम पंचायत भैसबोड़ निवासी हरीशचंद्र गेंदले (23) रोजी-मजदूरी करता था। बीते सोमवार को उसकी बाइक स्कूली छात्रा की साइकिल को टकरा गई थी। इसके बाद छात्रा ने मामले की शिकायत बिल्हा थाने में कर दी। लिहाजा, आरक्षक रूपलाल चंद्रा युवक को पकड़ने के लिए गांव पहुंची, जहां वह नहीं मिला। इस पर पुलिस उसके पिता भागीरथी गेंदले को पकड़कर पीटते हुए थाने ले आई। इसकी जानकारी मिलने पर हरीशचंद्र भी थाने पहुंच गया, जहां उसके सामने में उसके पिता के साथ मारपीट की गई। वहीं, हरीशचंद्र की भी पिटाई की गई। बाद में शाम को पुलिस ने उसे छोड़ दिया। तब शाम सात बजे हरीशचंद्र घर से निकला और रेलवे ट्रैक पर जाकर ट्रेन के सामने कूद गया, जिससे उसकी मौत हो गई। उसके आत्महत्या करने के बाद परिजन और ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मंगलवार से परिजन धरना-प्रदर्शन कर उसके शव को लेकर जाने से इंकार करते रहे। विरोध-प्रदर्शन और हंगामे के बाद गुरुवार को पुलिस अफसरों की समझाइश और जांच का भरोसा दिलाने के बाद परिजन शव ले जाने के लिए राजी हुए, तब अफसरों ने राहत की सांस ली थी।
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