शिवरीनारायण में भी राम वन गमन पथ परियोजना का काम पूरा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 अप्रैल को करेंगे लोकार्पण
छत्तीसगढ़ राज्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरों के साथ ही गौरवशाली प्राचीन लोक संस्कृति का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का ननिहाल और उनकी कर्मभूमि भी है। 14 वर्षों के कठिन वनवास काल में श्रीराम ने अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था।माता कौशल्या की जन्म भूमि होने के कारण छत्तीसगढ़ में श्री राम को भांजे के रूप में पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक धरोहरों, परंपराओं और रामायण कालीन अवशेषों को सहेजने और संवारने के उद्देश्य से राज्य में चिन्हांकित 75 स्थलों में से प्रथम चरण में 9 स्थानों पर राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत अधोसंरचना विकास कार्यों, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले वर्ष राम नवमी के अवसर पर माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी का लोकार्पण किया गया था। इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर 10 अप्रैल को शिवरीनारायण धाम, विष्णु कांक्षी तीर्थ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास कार्यों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है। 8,9और10अप्रैल को तीन दिवसीय भव्य आयोजन में देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। साथ ही प्रदेश स्तर पर रामायण मंडलियों की मानस गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे लगभग 7 हज़ार मानस गायकों ने भाग लिया है। इनमें से चयनित 25 जिलों की मानस मंडलियों के लगभग 350 कलाकार शिवरीनारायण में 8,9 और 10 अप्रैल को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 10 अप्रैल को विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे और प्रथम स्थान प्राप्त विजेता दल की प्रस्तुति भी होगी।तीन दिवसीय इस आयोजन में पद्मश्री ममता चंद्राकर, पद्मश्री अनूप जलोटा, जस गीत गायक दिलीप षडंगी, मुंबई की पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल तथा संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के भूतपूर्व छात्र छात्राओं के द्वारा शबरी के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति होगी।