बुखार से तड़प रही थी महिला, 108 के कर्मचारी की सूझबूझ से बची जान
दंतेवाड़ा dantewada news। जिले में एंबुलेंस 108 के कर्मचारी एक बीमार महिला के लिए देवदूत बन गए। नक्सल प्रभावित इलाके के एक गांव में एंबुलेंस महिला के घर नहीं पहुंची। गांव के बाहर ही गाड़ी खड़ी रही। कर्मचारी पैदल ही मरीज के घर पहुंचे। महिला को कांवड़ के माध्यम से 108 तक पहुंचाया गया, फिर उसे जिला अस्पताल लाया गया। dantewada
chhattisgarh news दरअसल, यह मामला जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र नहाड़ी गांव का है। इस गांव की रहने वाली महिला लक्खे (45) पिछले 3 दिनों से बुखार और पेट दर्द से जूझ रही थी। उसे शरीर में झटके भी आ रहे थे। सूचना परिजनों ने एंबुलेंसकर्मियों को दी। शनिवार को 108 के EMT श्यामलाल कश्यप और पायलट अब्दुल सब्बीर गांव के बाहर तक पहुंच गए।
गांव के अंदर और जिस पारा में महिला रहती थी, वहां पहुंचने सड़क नहीं थी। महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए कर्मचारी पैदल ही उसके घर पहुंच गए। फिर परिजनों और ग्रामीणों की मदद से लकड़ी के खाट को उल्टाकर उस पर महिला को लिटाया। chhattisgarh
कांवड़ में ढोकर फिर घर से करीब 3 से 4 किमी तक पैदल चले। महिला को एंबुलेंस 108 तक पहुंचाया। जिसके बाद उसे वहां से दंतेवाड़ा जिला अस्पताल लाया गया।