छत्तीसगढ़

मुर्गी बेचकर परिवार चलाने में महिला को मिला आर्थिक सहयोग

Nilmani Pal
12 March 2022 2:31 AM GMT
मुर्गी बेचकर परिवार चलाने में महिला को मिला आर्थिक सहयोग
x
छग

कांकेर। विकासखण्ड चारामा के ग्राम पंचायत तारसगांव निवासी पदमनी कुमेटी अपने गांव में मनरेगा अंतर्गत अकुशल मजदूर के रूप में कार्य करती है। वह ''रानी सागऱ'' स्व सहायता समूह से जुड़ी है एवं गौठान में बने सामूहिक बाड़ी सब्जी उत्पादन का कार्य कर रही है। श्रीमती पदमनी कुमेटी ने बताया कि उनके पति मिस़्त्री कार्य कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। पदमनी एक साहसिक महिला होने के साथ स्व सहायता समूह से जुड़कर निरंतर समूह के बैठकांे में भाग लेती है। वह गांव के अन्य महिलाओं को भी समूह से जुड़ने एवं कार्य करने के लिए प्रेरित भी करती है। उन्होंने बताया कि समूह के बैठक में मनरेगा योजना अंतर्गत् आजीविका के लिए हितग्राही मूलक कार्योें के बारे में चर्चा हुई, जिसमें पदमनी ने मुर्गी पालन हेतु मुर्गी शेड निर्माण के लिए अपना नाम जुड़वाया, तत्पश्चात वह ग्राम पंचायत में जाकर सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक के माध्यम से मुर्गी शेड निर्माण कराने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत की। ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा मे अनुसूचित जनजाति वर्ग के आधार पर प्रस्ताव पारित कर तकनीकी स्वीकृति हेतु जनपद पंचायत भेजा गया। जिला पंचायत द्वारा वर्ष 2018-19 में 0.514 लाख रूपये की स्वीकृत मिली।

ग्राम पंचायत के सरपंच एवं रोजगार सहायक के सहायता से मुर्गी शेड निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया, जिसमें पदमनी द्वारा भी अकुशल मजदूर के रूप कार्य किया गया एवं समय-सीमा के भीतर एक सप्ताह में मुर्गी शेड निर्माण को उनके द्वारा पूर्ण कर लिया गया। तत्पश्चात पशुपालन विभाग में चल रहे बेकयार्ड कुकुट पालन योजना से कडकनाथ मुर्गी का 45 चूजा प्रदाय किया गया। पशुपालन विभाग द्वारा मुर्गी की देख रेख एवं बीमारियों से बचाने हेतु उनको प्रशिक्षत भी किया गया, जिससे मुर्गियों को स्वस्थ रखने एवं उनके उचित देखभाल करने में मद्द मिली। मुर्गियों के लगभग 01 किलो वजन होने पर घर में आकर गांव के लोग 500 रूपये प्रति किलो की दर से खरीदने लगे। जिससे पदमनी को 15 हजार रूपये की अतिरिक्त आमदानी हुई। पैसो को वह घर परिवार चलाने में एवं बच्चों के पढाई लिखाई में खर्च की एवं बचत पैसे से वह वर्तमान में पशुपालन विभाग से वनराजा नस्ल की मुर्गी खरीदी की है, जो अभी लगभग 01 किलो वजन का है। जिसे गांव के लोग उनके पास से 500 रूपये में खरीद रहें है।

इस प्रकार पदमनी वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा में कार्य करती है, साथ ही साथ स्व सहायता समूह से जुडी है। जिसमें गौठान के सामूहिक बाडी में अपने समूह के साथ सब्जी उत्पादन का कार्य भी कर रही है। इस तरह महात्मा गांधी नरेगा एवं विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर अपने जीवन स्तर में सुधार कर अपने परिवार के साथ सुखी जीवनयापन कर रही है, पदमनी कुमेटी गांव के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है।

Next Story