बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में अधिकारी-कर्मचारी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। इनके हड़ताल पर चले जाने से सभी शासकीय विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप और बंद हो गया है। सभी विभागों के कार्यालय के दरवाजों पर ताले लटके हैं। विभागों में कामकाज बंद होने के कारण आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। दरअसल बलौदाबाजार जिले में एक महिला न्याय की उम्मीद लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी। यहां वो कलेक्टर का इंतजार कर रही थी, लेकिन इंतजार करते-करते महिला कार्यालय के बाहर बेहोश हो गई। इतना ही नहीं पीड़ित महिला की सुध लेने वाले भी दफ्तर से नदारद थे।
मिली जानकारी के अनुसार बलौदाबाजार कलेक्टर कार्यालय परिसर में मंगलवार को बिसनबाई प्रभाकर नाम की एक बुजुर्ग महिला बेहोशी की हालत में मिली। महिला कलेक्टर से मिलने कसडोल विकासखंड के ग्राम छतवन से लगभग 70 किमी का सफर तय कर आई थी। यहां आकर उसे कोई नहीं मिला। फिर कलेक्टर का इंतजार करते-करते परिसर के बाहर चक्कर आने से बेसुध हो गई। वह अपने बहनों की साथ यहां आई थी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को आदेशित कर हड़ताल के दौरान आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन यहां का नजारा कुछ और ही था। आज सुबह 11 बजे से महिला बाहर बैठे-बैठे बेहोश हो गई और अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। पीड़ित महिला बिसनबाई प्रभाकर ने बताया कि उसकी जमीन पर उसके ही परिवार के लोगों ने कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं उसके साथ मारपीट भी की गई है। इसको लेकर वह पुलिस के पास गई थी, पर कुछ नहीं हुआ और अब वह कलेक्टर के पास आई है, लेकिन अभी तक कोई नहीं मिला है। उसे इंतजार करते-करते 3 घंटे हो गए, लेकिन कोई नहीं आया। वहीं मामले में अधिकारी जवाब देने से बच रहे हैं।