सूरजपुर। विगत 24 अप्रैल को लड़ाई-झगड़े की एक घटना में पति को खो चुकी 'दिव्या कुशवाहा' के पास जीवन यापन के लिए नहीं है कोई साधन। चौपाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रोते हुए अपनी वेदना सुनाई एवं परिवार के भरण-पोषण के लिए मांगी सहायता। उन्होंने बताया कि अब उनके परिवार में 6 साल के बेटे के अलावा कोई नहीं है। संवेदनशील मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें तत्काल 4 लाख रूपए सहायता राशि देने की घोषणा की।
मुस्तैदी से काम करें, जनता के प्रति जवाबदार बने : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रतापपुर में अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि अधिकारी मुस्तैदी से काम करें और जनता के प्रति जवाबदार बनें। काम में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल भेंट-मुलाकात अभियान के तहत कल प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र के भ्रमण के बाद प्रतापपुर पहुंचे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इलाके में पानी की कमी की स्थिति है, भूजल स्तर में कमी को दूर करने विशेष ध्यान दे, नरवा के काम तेज़ी से पूरे करें। प्रतापपुर सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि हेलीकाप्टर से आते समय देखा एक नाला सूख गया है, पर ट्रीटमेंट वाला नाला में पानी है। नरवा योजना के तहत नालों का ट्रीटमेंट तेजी से करें। प्रतापपुर में सरकारी बिल्डिंग में रेन वाटर हार्वेस्टिंग रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर के बाद सूरजपुर पहला जिला है, जहां 800 फ़ीट में पानी नहीं। वाटर रिचार्जिंग में ध्यान दें, बिना झिझक के अच्छा काम करें।
श्री बघेल ने कहा कि वन भूमि में जिन लोगों का 13 दिसंबर 2005 के पहले से कब्जा है उन सभी को फारेस्ट लेंड पट्टा मिल जाये। भ्रमण के दौरान राजस्व विभाग की शिकायतें मिली, उनका निराकरण करें। पटवारी की शिकायते ज्यादा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवर्ती चराई के लिए पहाड़ी, बस्ती से दूर गौठान बन रहे है, इस पर अधिकारी ध्यान दें। गांवों के नजदीक गौठान बनाए। गौठान योजना में गड़बड़ी या लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। इसी तरह गरीब लोगों के राशनकार्ड अवश्य बनाए जाएं। यदि किसी गरीब को राशन कार्ड न मिले तो ये हमारी गलती है। यदि कोई समस्या है तो अधिकारियों को अवगत कराइये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि लोगों से उनकी भाषा में बात करिए उनको अच्छा लगेगा। गुड गवर्नेंस का यही तरीका है।