
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छग
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ राज्य प्राधिकरण (कैम्पा) योजना एडिनशल एपीओ. 2020-21 के तहत सूरजपुर वनमण्डल के वन परिक्षेत्र सूरजपुर अंतर्गत खोखनिया नाला (पिलखा पहाड़) में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य कराया गया है। इससे क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा है। वन्यप्राणियों एवं मवेशियों के लिये वर्ष भर जल की उपलब्धता सुनिश्चित हुआ है। कुआं एवं बोरवेल के जलस्तर में वृद्धि होने से लगभग 180 हेक्टेयर. खरीफ क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। जिससे 485 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। नरवा विकास होने से पिलखा पहाड़ के सुंदरता में वृद्धि हुई है। इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है प्रत्येक दिवस 150-200 व्यक्ति बांध में घुमने आते हैं। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत-पण्डोनगर (पहाड़गांव) के खोखनिया नाला में निर्मित वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की लम्बाई 165 मीटर ऊंचाई 13 मीटर एवं लागत 120.00 लाख है। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का कैचमेंट एरिया 36000 हेक्टेयर एवं जल भराव क्षेत्र 2000 हेक्टेयर है। यह खोखनिया नाला के मुख्य प्रवाह में पिलखा पहाड़ के मध्य में तीन पहाड़ो के बीच में बनाया गया है, जिसमें पानी का भराव लगभग 16.50 लाख क्यूबिक मीटर है। उक्त वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के पानी से ग्राम पंचायत पण्डोनगर, मदनपुर, अजबनगर, कमलपुर एवं पहाड़गांव के कृषि भूमि सिंचित हो रहे हैं।
वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सुरक्षा हेतु प्राप्त निर्देशानुसार ग्राम पंचायत - पहाड़गांव, कमलपुर, मदनपुर, अजबनगर, पण्डोनगर, गोपालपुर एवं करतमा के ग्रामीणों की बैठक गई। इस बैठक में सरपंचों एवं उपवनमण्डलाधिकारी सूरजपुर व वन अमले के द्वारा आवश्यक सुझावों पर चर्चा की गई एवं पिलखा पाठ देव समित का गठन किया गया। इसके बाद सर्वसम्मति से अध्यक्ष एवं सदस्यों का चुनाव किया गया एवं उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सुरक्षा, साफ-सफाई एवं देखरेख की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही बांध पर आने वाले पर्यटकों की जानकारी भी संधारित करने चर्चा किया गया। वन्यप्राणियों एवं मवेशियों के लिये वर्ष भर जल कीउपलब्धता सुनिश्चित हुआ हैं। बांध से आसपास स्थित ग्राम पंचायतों के लगभग 165.00 हेक्टे, क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विकास हुआ हैं। कुआं एवं बोरवेल के जल स्तर में वृद्धि होने से लगभग 180.00 हेक्टर. खरीफ क्षेत्र सिंचित हुए हैं व लगभग 80.00 हेक्टे रबी फसल सीजन में सिंचाई होने की संभावना हैं. जिससे लगभग 485 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के नजदीकी ग्राम पंचायत पहाड़गांव, कमलपुर, मदनपुर, अजबनगर, पण्डोनगर, गोपालपुर एवं करतमा के भू-जल स्तर में लगभग 30 से.मी. की वृद्धि हुई है, जिससे कुआं नलकूप एवं बोरवेल जिनमें माह दिसम्बर के बाद जलस्तर में कमी हो जाता था उनके जल का स्तर बढ़ गया है। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर में ग्राम पंडोनगर एवं पहाड़गांव के ग्रामीणों द्वारा मत्स्य पालन कार्य किया जा रहा हैं। भू-जल स्तर में वृद्धि होने के कारण पुनरूत्पादन एवं वनौषधियों में बढ़ोतरी पाया गया है। वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर निर्मित हो जाने से पिलखा पहाड़ के सुंदरता में वृद्धि हुई है, जिसके कारण पर्यटन केन्द्र बन गया है। प्रत्येक दिवस 150-200 व्यक्ति इस बांध में घुमने आते है।
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