मंत्री के निजी सचिव की गिरफ्तारी की मांग, ग्रामीणों ने थाना घेरकर दी आंदोलन की चेतावनी
केबिनेट मंत्री के निजी सहायक पर परिवार और स्वयं के नाम से शासकीय भूमि को कराने का आरोप
प्रकरण उजागर के बाद मंत्री ने निजी को सचिव पद से हटाया
18.69 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा,नामांतरण और बिक्री का आरोप
सरगुजा। विकासखंड के ग्राम पंचायत भटको और ग्राम पंचायत कर देना शासकीय भूमि के साढे 18 हेक्टेयर जमीन को फर्जी तरीके से कूट रचना कर अपने नाम कराने और बेचे जाने की जानकारी प्राप्त हुई है।इस प्रकरण मेंभाजपा जिला महामंत्री देवनाथ सिंह,भाजपा मंडल महामंत्री निशांत गुप्ता, ग्राम पंचायत भटको के सरपंच भुनेश्वरी मरावी, उपसरपंच शशांक कुमार गुप्ता,सरपंच पति बुधेश मरावी के नेतृत्व में सैकड़ों ग्राम वासियों ने थाना बतौली आकर अवैध रूप से शासकीय भूमि को हस्तांतरण करने की जांच करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग का आवेदन दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत भटको और ग्राम पंचायत करदना में शासकीय भूमि के अट्ठारह हेक्टेयर जमीन जो 46 एकड़ होता है को अनंत्र गांव के 8 लोगों ने अपने नाम से करा लिया। ग्राम वासियों ने बताया कि पेशे से शिक्षक रामानंद यादव और उनके दो पुत्रों हेमंत यादव और भूपेंद्र यादव ने पटवारी कंचराम से सांठगांठ कर अपने नाम से क्रमशः 4.31 हेक्टेयर,0.800 हेक्टेयर 4.77 हेक्टेयर और 1.91 हेक्टेयर 1.28 हेक्टेयर जमीन को फर्जी तरीके से कब्जा दिखाकर शासकीय भूमि का पट्टा बनवा लिया है। पट्टा बनवाने के बाद इसमें धान की खेती दिखाकर सोसाइटी में धान बेंच भी दिया है ।
इसी प्रकार सुशील तिग्गा अंबिकापुर और शैलेश पप्पू ने 0.58 हेक्टेयर, 0.32 हेक्टेयर, 0.13 हेक्टेयर, 1.40 हेक्टेयर,0.24हेक्टेयर, 1.17 हेक्टेयर ,1.11 हेक्टेयर, 0.55 हेक्टेयर, अपने नाम से दर्ज करा लिया है ।
ग्राम वासियों ने कहा कि 29/2 पर भूमि गोचर मद में है,उसे भी सुंदर और शुभम ने अपने नाम से फर्जी पट्टा दिखाकर बीना गुप्ता को विक्रय किया।
ग्राम वासियों ने कहा कि वन भूमि पर जब पट्टा वितरण हो रहा था तब कुछ गांव के अन्य लोग काबीज थे, परंतु पटवारी और तहसीलदार के साथ सांठगांठ करते हुए दूसरे मलोगों को पट्टा दिया गया। फर्जी तरीके से उनके नाम से चढ़ा दिया गया।ग्राम वासियों ने कहा कि शिक्षक रामानंद यादव के पुत्र हेमंत यादव, ग्राम पंचायत भटको पटवारी हल्का नंबर 4 के पटवारी कंचराम के साथ मिलकर काम करता था। और उसका भाई भूपेंद्र यादव जो पेशे से शिक्षक है उसे कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने अपना निजी सचिव बनाकर बतौली कार्यालय में पदस्थ कराया था। पटवारी के सहयोगी हेमंत कुमार और कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के निजी सचिव के रूप में काम करते हुए भूपेंद्र यादव ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कूट रचना करके जमीन को अपने नाम में करा लिया।ग्राम वासियों ने कहा कि 1 सप्ताह पहले हमने तहसीलदार बतौली को इस प्रकरण में जांच के लिए आवेदन किया था परंतु किसी भी प्रकार की जांच नहीं किया गया।तब हमने मजबूर होकर थाना बतौली में प्रकरण दर्ज करने का आवेदन लगाया है। एक सप्ताह के अंदर अगर इस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो तहसील बतौली का घेराव और चक्का जाम किया जाएगा।
इस प्रकरण को भारतीय जनता पार्टी ने कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत का संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया है ।भारतीय जनता पार्टी जिला सरगुजा के महामंत्री देवनाथ सिंह, भाजपा मंडल बतौली के महामंत्री निशांत कुमार गुप्ता ने कहा है कि बतौली ब्लॉक के कई वन क्षेत्रों में इस प्रकार के फर्जी तरीके से पट्टा वितरण किए गए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और शासकीय जमीन को मूलतः वापस करना चाहिए ।एक सप्ताह के अंदर अगर इस पर कार्यवाही नहीं होती है,तो वे चक्का जाम करने के लिए विवश होंगे।
कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के निजी सचिव के रूप में पदस्थ भूपेंद्र यादव को मंत्री अमरजीत भगत ने हटा दिया है। कांग्रेस कार्यालय बतौली में पदस्थ निजी सचिव के रूप में भूपेंद्र यादव काम करते थे। और कार्यालय में आने वाले पत्रों फोन और बतौली ब्लॉक की संपूर्ण व्यवस्था देखते थे ।इस प्रकरण के उजागर होने के बाद अमरजीत भगत ने भूपेंद्र यादव को निजी सचिव के पद से हटाकर उन्हें उनके मुलतःशिक्षक पदस्थापना स्थान पर भेज दिया है। तहसीलदार आईसी यादव ने बताया कि एक सप्ताह पहले ग्राम वासियों ने आवेदन दिया था, उक्त प्रकरण में एक जांच दल गठित कर दिया गया है।जांच अधिकारी के रूप में राजस्व निरीक्षक शिवपूजन तिवारी और अन्य पटवारी संलग्न किए गए हैं।जांच उपरांत जो भी बातें सामने आएगी उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
थाना प्रभारी फरदीनन्द कुजूर ने बताया ग्राम वासियों ने आवेदन दिया है, उसकी जांच करेंगे। जो भी इसमें तथ्य जांच में सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे
ग्राम पंचायत भटको के सरपंच भुनेश्वरी मरावी ने कहा कि ग्राम पंचायत से कोई अनुमति या प्रस्ताव नही दिया गया है।पटवारी और तहसीलदार पद के प्रभाव में आकर 18.69 हेक्टेयर शासकीय भूमि का बन्दर बांट किया गया है।फर्जी तरीके से नामांतरण करा कर धान विक्रय किया गया है।इसकी जांच होनी चाहिए।