छत्तीसगढ़

डबल इंजन की सरकार में तेज रफ्तार से चल रही है छत्तीसगढ़ में विकास की रेल: CM साय

Shantanu Roy
25 Nov 2024 3:18 PM GMT
डबल इंजन की सरकार में तेज रफ्तार से चल रही है छत्तीसगढ़ में विकास की रेल: CM साय
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छग
Raipur. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में अब तेज रफ्तार से विकास की रेल चल रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कल रायपुर से बिलासपुर तक की अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ के तेजी से विकास के संकल्प को पुनः दोहराया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछले 10 सालों में रेलवे के क्षेत्र में जो सकारात्मक बदलाव हुए, इसने न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। उन्होंने कहा रेलवे के आधुनिकीकरण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। रेलवे नेटवर्क के विस्तार से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों को बड़े शहरों से जोड़ा जा रहा है, जिससे व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे भारत, तेजस और गतिमान जैसी
हाई-स्पीड
ट्रेनों ने यात्रा समय को काफी घटा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि आधुनिक ट्रेनों में वातानुकूलित डिब्बे, आरामदायक सीटें, वाई-फाई, ऑनबोर्ड कैटरिंग सुविधा मिल रही है। स्टेशन अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जिसने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा कि ई-टिकटिंग और डिजिटल भुगतान ने बुकिंग प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया है। सौर ऊर्जा और बायो-टॉयलेट जैसी पहल पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद कर रही हैं। भारतीय रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों के उपयोग की ओर आगे बढ़ रहा है, ताकि दक्षता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि प्रदेश की आर्थिक तरक्की के लिए रेल परिवहन के समुचित उपयोग की ओर तेजी से आगे बढ़ा जाए। इसी क्रम में केंद्र सरकार के सहयोग से कई रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है और कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनको विस्तार दिए जाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा है कि डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना के लिए रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है।

यह परियोजना लगभग 295 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 4021 करोड़ रुपये है। इस रेल लाइन का निर्माण छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्यों के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस रेल लाइन में डोंगरगढ़ से कवर्धा के बीच 12 और कवर्धा से कटघोरा के बीच 15 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना न केवल क्षेत्र में यात्री सुविधा बढ़ाएगी बल्कि खनिजों के परिवहन और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में कई नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और कनेक्टिविटी बढ़ाना है। कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन 180 किलोमीटर लंबी परियोजना है, जिसके सर्वेक्षण और डीपीआर के लिए 16.75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह परियोजना सरगुजा क्षेत्र में विकास को गति देगी। उसी प्रकार गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली तक 490 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। यह
परियोजना
सुदूर क्षेत्रों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों से जोड़ने में मदद करेगी। सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन 37 किलोमीटर लंबी परियोजना ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। इस परियोजना के लिए 1360 करोड़ रुपये का प्रावधान है।छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा, रावघाट-जगदलपुर और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा परियोजना के लिए रेलवे द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल यात्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी, बल्कि औद्योगिक और खनिज संसाधनों के परिवहन को भी सुगम बनाएंगी। इनके अलावा, राज्य में कई अन्य छोटी रेल लाइन और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं भी योजना में हैं, जो क्षेत्रीय विकास और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में जहां-जहां रेल परिवहन की आवश्यकता महसूस की जाएगी, उस दिशा में तेजी से पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस यात्रा से मुझे बहुत कुछ जानने समझने का सुंदर अवसर मिला था। हम यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और उनके समस्याओं के समाधान की दिशा में केंद्र सरकार के सहयोग से आवश्यक कदम उठाएंगे।
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