बाल सुधार गृह में अव्यवस्था, गंदगी देखकर नाराज हुए न्यायाधीशों की टीम
बिलासपुर। बिलासपुर के बाल सुधार गृह में औचक निरीक्षण के दौरान न्यायाधीशों की टीम ने अव्यवस्था देखकर कड़ी नाराजगी जताई। यहां नए भवन में पानी की व्यवस्था नहीं है। सीपेज और गंदगी के बीच बच्चे रहने के लिए मजबूर हैं। वहीं, काउंसिलिंग भवन को सी-मार्ट के लिए दे दिया है, जिसके चलते यहां बच्चों के काउंसिलिंग की जगह नहीं है। टीम ने सभी अव्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
कांकेर जिले में स्थित शिवनगर दत्तक ग्रहण केंद्र में मासूम बच्चों की पिटाई का मामला सामने आने के बाद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और हाईकोर्ट के सीनियर जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सख्ती दिखाते हुए रिपोर्ट मंगाई थी। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों के डिस्ट्रिक्ट जज के साथ विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों को बाल गृह और बच्चों के आश्रमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिए थे। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल, उप सचिव गिरीश कुमार मंडावी, विधिक सहायता अधिकारी शशांक शेखर दुबे एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के सचिव राकेश सिंह सोरी की टीम ने मंगलवार को सरकंडा के नूतन चौक स्थित बाल सम्प्रेक्षण गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी होम और विशेष गृह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान यहां 25 प्लेस ऑफ सेफ्टी होम में 11 और विशेष गृह में 6 बच्चे मिले, जिनसे टीम के सदस्यों ने चर्चा की और उनकी समस्याए सुनी।