गरियाबंद वन विभाग की टीम ने तेंदुआ को जांच कर जंगल में छोड़ा
गरियाबंद। ग्राम बम्हनी, मरौदा, कोचेना, काजनसरा एवं समीपस्थ अन्य ग्रामों के रहवासी क्षेत्रों में तेन्दुआ का लगातार विचरण होने एवं ग्राम बम्हनी एवं कोचेना में तेन्दुआ द्वारा जनहानि एवं जन घायल की घटना होने के कारण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त के दिशा निर्देशानुसार मयंक अग्रवाल वन मंडलाधिकारी गरियाबंद के मार्गदर्शन में सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से तीन पिंजरा लगाया गया था, जिसमें से कोचेना-काजनसरा में लगाये गये पिंजरा में दिनांक 26/11/2021 को शाम लगभग 06 बजे तेन्दुआ पकड़ा जाने की सूचना वहां पर तैनात सुरक्षाा श्रमिकों द्वारा दी गई।
सूचना पाकर वन परिक्षेत्र गरियाबंद की टीम मौके पर पहुंची। वहां पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से पिंजरा को ग्रीन नेट से ढका गया। पिंजरा को शासकीय वाहन से सुरक्षित स्थान पर लाया गया। तत्पश्चात् प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) से अनुमति प्राप्त कर डॉ. सुधीर पंचभाई एवं डॉ. तामेश कंवर पशुचिकित्सक गरियाबंद द्वारा उपवनमंडलाधिकारी गरियाबंद, वन परिक्षेत्र अधिकारी गरियाबंद की उपस्थिति में विधिवत स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। पशुचिकित्सकों द्वारा मादा तेन्दुआ के दांत, पंजा, सिर एवं समस्त शरीर का परीक्षण किया गया। शरीर पर कही भी चोट वगैरह का निशान नही पाया गया तथा पशु चिकित्सको द्वारा उसके स्वस्थ होने की पुष्टि की जाकर जंगल में मुक्त करने योग्य बताया गया। तत्पश्चात् उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार रहवासी क्षेत्रों से दूर उदंती सीतानदी अभ्यारण में दिनांक 27/11/2021 को समय 01 बजे मादा तेन्दुआ को पिंजरा से मुक्त किया गया। पिंजरा से निकलते ही तेन्दुआ जंगल की ओर तेजी से चला गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त के दिशा निर्देशानुसार तथा श्री मयंक अग्रवाल वन मंडलाधिकारी गरियाबंद एवं श्री पंकज राजपूत वन मंडलाधिकारी के सफल मार्गदर्शन में तथा श्री मनोज चन्द्राकर उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद, श्री राजेन्द्र कुमार सोरी उप वनमंडलाधिकारी देवभोग के कुशल नेतृत्व में उपरोक्त कार्य का सफल क्रियान्वयन हुआ।