छत्तीसगढ़

एक हाथ से 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' में अपना दमखम दिखाती महिला की अनूठी है कहानी

Nilmani Pal
12 Oct 2022 10:57 AM GMT
एक हाथ से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में अपना दमखम दिखाती महिला की अनूठी है कहानी
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जगदलपुर। सपनों की उड़ान वही भरते हैं जिनके पंख उम्मीदों से बने होते हैं जरूरत सिर्फ उन्हें एक मौका देने की होती है। बस्तर के बकावंड ब्लाक के ग्राम सरगीपाल की रहने वाली गुरबारी की कहानी भी बिल्कुल ऐसी ही है। उन्हें भी बस एक मौका ही चाहिए था कि उनके हुनर को दिखाने का कोई जरिया मिले।

दरअसल ग्राम सरगीपाल में आयोजित 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' में लगभग सभी खेलों में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करने वाली गुरबारी का एक हाथ नहीं है। लेकिन बावजूद उसके उन्होंने राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर कई खेलों में भाग लिया साथ ही सामूहिक खेल कबड्डी और खो-खो में जीत भी दर्ज की। आदिवासी बहुल क्षेत्र के छोटे से गांव सरगीपाल में रहने वाली गुरबारी का कहना है कि वो अपने एक हाथ से ही काफी काबिल है और वे सब काम कर सकती हैं जो एक सामान्य व्यक्ति कर सकता है। उन्होंने कहा कि "खेल में भाग लेने के लिए शारीरिक क्षमता तो जरूरी है लेकिन उससे से भी बढ़कर होसलों का मजबूत होना भी जरूरी है। मजबूत हौसले ही मुझे हिम्मत और आत्मविश्वास देते हैं। जिससे मैं कोई भी काम कर सकती हूं। मैंने इस आयोजन में लंगड़ी दौड़, पिट्ठुल, 100 मीटर दौड़, कबड्डी, खो-खो और कुर्सी दौड़ खेला। 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' के बारे में बात करते हुए गुरबारी कहती हैं कि 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक' सरकार की एक अच्छी पहल है जिसकी वजह से हम जैसी घरेलू महिलाओं को मौका मिला है। हमें पता चला कि हम आगे भी खेलने जाएंगी तो हमें काफी खुशी हो रही है। मैं खुश हूं और प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने हमारे लिए इस तरह के आयोजन की शुरूआत की।

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