8 साल बाद फिर से खोली गई नसबंदी कांड की फाइल, राष्ट्रपति भवन से पत्र जारी
बिलासपुर। साल 2014 में छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भाजपा सरकार की भारी फजीहत कराने वाले नसबंदी कांड का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। 8 साल बाद फिर से नसबंदी कांड की फाइल खोली गई है। इस कांड की जांच से असंतुष्टों की शिकायत के बाद राष्ट्रपति भवन से पत्र आया। पत्र मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले में सस्पेंड औषधि निरीक्षक का फिर से बयान लिया है।
उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर 2014 को जिला मुख्यालय बिलासपुर से लगे पेंडारी गांव में नसबंदी ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई थी। उस समय जांच के बाद मौत का कारण सिप्रोसीन सिरप पीना बताया गया था। मामले में सिप्रोसीन दवा बनाने वाली कंपनी महावर फार्मा के संचालक रमेश महावर और दवा को बेचने वाले दुकानदार कविता लेबोरेटरी के संचालक राकेश खरे के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। करीब 6 साल बाद प्रकरण को न्यायालय में पेश किया गया और शासन ने तत्काल औषधि निरीक्षक राजेश क्षत्रिय और महावीर सिंह ध्रुव को सस्पेंड कर दिया था। तत्कालीन विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने उस वक्त प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा की सरकार पर गंभीर आरोप जड़ते हुए नसबंदी कांड को बहुत उछाला था।