छत्तीसगढ़

अबूझमाड़ को बूझने की दिशा में राज्य सरकार ने की ठोस पहल, ग्रामीणों को मिला शासन की योजनाओं का लाभ

Nilmani Pal
10 Oct 2021 6:13 AM GMT
अबूझमाड़ को बूझने की दिशा में राज्य सरकार ने की ठोस पहल, ग्रामीणों को मिला शासन की योजनाओं का लाभ
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फाइल फोटो 

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्थानीय टैलेंट, स्थानीय युवा और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से हम विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल को और ज्यादा विस्तार देंगे। इससे छत्तीसगढ़ का हर क्षेत्र समृद्ध और खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री आज प्रसारित मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 22 वीं कड़ी में जनता से 'जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह' विषय पर बातचीत कर रहे थे। इस विषय पर यह लोकवाणी की दूसरी कड़ी है। मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी का प्रसारण आज आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों में किया गया।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अबूझमाड़ को ठीक ढंग से बूझने की दिशा में हमने ठोस कार्यवाही शुरू कर दी है। जल्दी ही इसका लाभ जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगेगा। लोकवाणी में अबूझमाड़ के नारायणपुर जिले के श्री सत्यनारायण ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में राजस्व भूमि के सर्वे के बाद गांवों के लोगों की जमीन का पट्टा बन गया है। अब वे लोग धान बेच रहे हैं। भूमि का समतलीकरण किया गया है और उन्हें राज्य शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। उन्होंने इसके लिए ग्रामवासियों की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि अबूझमाड़ का मतलब ऐसा वन क्षेत्र जिसे बूझा नहीं जा सकता। जब हमारी सरकार आई मुझे लगा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि प्रदेश का कोई क्षेत्र अबूझा रह जाए, जहां की आशाओं को समझने जनसुविधाओं और विकास की योजनाओं को पहुंचाने की कोई व्यवस्था ही न हो। उन्होंने कहा कि जब जांच कराई गई तो पता चला कि नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड के 237 गांव और नारायणपुर विकासखंड के 9 गांव असर्वेक्षित हैं। जिसके कारण किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक ओरछा विकासखण्ड के चार तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 गांवों का प्रारंभिक सर्वे पूर्ण कर उन्हें र्भुइंयां साफ्टवेयर के साथ जोड़ा गया है तथा छह अन्य ग्रामों का सर्वेक्षण कार्य प्रक्रिया में है। आईआईटी रूड़की के सहयोग से 19 ग्रामों का प्रारंभिक नक्शा एवं अभिलेख तैयार कराया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रारंभिक अभिलेख अथवा मसाहती खसरा को आधार बनाकर कब्जेदार को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाए। ओरछा विकासखण्ड से 1 हजार 92 तथा नारायणपुर विकासखण्ड से 1 हजार 842 ग्रामीणों ने विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन दिए हैं। इन आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है।

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