विश्व में सर्वप्रथम एव इकलौता कुदरत का अद्भुत नजारा गुरु और चन्द्रमा की यूवती आज शाम के पश्चिमी आसमान में जनता से रिश्ता ने जारी किया।
पूरे विश्व में किसी भी समाचार साइट या न्यूज़ एजेंसी ने अभी तक दुर्लभ चित्र जारी नहीं किया। देखिए दुर्लभ चित्र को विभिन्न कोणों से
रायपुर। जनता से रिश्ता के राजनितिक संपादक ज़ाकिर घुरसेना ने आज अपने कैमरे में चाँद और सितारे का खूबसूरत नजारा कैद किया। कुदरत का ऐसा अद्भुत नजारा बहुत कम देखने को मिलता है. तस्वीर में सितारा साफ़ दिखाई दे रहा जो चाँद के पास है. ऐसा नजारा बेहद कम देखने को मिलता है.
कुदरत का अद्भुत नजारा अपने शहर में जरूर देखें.....
चन्द्रमा और गुरु दोनों बहुत ही एक दूसरे के अंशो के करीब भ्रमण कर रहे है, जिसका आसमान में बेहद दुर्लभ नजारा दिखा
आज शाम का खूबसूरत नजारा
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शुक्रवार को शुक्र आ रहे कन्या राशि में, आर्थिक मामलों में इन राशियों के लोग रहेंगे लकी
शुक्र ग्रह को भौतिक सुविधाओं और आर्थिक मामलों का कारक माना जाता है। शारीरिक आकर्षण और सौंदर्य का संबंध भी दैत्यों के गुरु शुक्र से ही माना जाता है। इस शुक्रवार को शुक्र बुध की राशि कन्या में प्रवेश कर रहे हैं। इस गोचर को आम लोगों के लिए काफी महत्वूपर्ण माना जा रहा है। इस गोचर का प्रभाव व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, सुख सुविधाओं, दांपत्य जीवन और लव रिलेशनशिप पर पड़ेगा। आइए जानते कौन सी राशियों को इस गोचर से लाभ मिलने वाला है…
वृषभ राशि पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
शुक्र को आपका ही राशि स्वामी माना जाता है। यानी यह आपके पहले और छठें भाव के स्वामी हैं। कन्या राशि में प्रवेश के वक्त शुक्र आपकी राशि के 5वें भाव में गोचर करेंगे। कुंडली के इस भाव को संतान के भाव के तौर पर देखा जाता है। इस भाव से संतान, रोमांस, रिलेशनशिप और जीवन में नए अवसरों को देखा जाता है। इस गोचर के प्रभाव से आपको संतान की ओर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। संतान की नौकरी या फिर पढ़ाई को लेकर कुछ बात बन सकती है। आपको ख़ुशी की अनुभूति होगी और आपकी संतान इस समय, उन्नति करती दिखाई देंगी। इस गोचर के प्रभाव से आपको कार्यक्षेत्र में धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे।
मिथुन राशि पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
शुक्र आपकी राशि के 5वें और 12वें भाव के स्वामी माने जाते हैं। गोचर के वक्त ये आपके चौथे भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली के चौथे भाव को, सुख भाव कहा जाता है। इस गोचर के प्रभाव से आपको कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और बॉस से भी तारीफ सुनने को मिलेगी। आपको इस दौरान प्रमोशन भी प्राप्त हो सकता है। इस समय आपके सोचने-समझने की शक्ति भी प्रबल दिखाई देंगी, जिस कारण आप कार्यस्थल पर अपना प्रदर्शन पहले से और अच्छा दे सकते हैं। मां के साथ आपके संबंधों में सुधार होगा।
सिंह राशि पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
आपकी राशि में शुक्र तीसरे और 10वें भाव के स्वामी हैं और कन्या राशि में गोचर के वक्त यह आपके द्वितीय भाव में प्रवेश करेंगे। आपको इस गोचर से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा और व्यापारियों दोनों को इस दौर में लाभ होगा। आपको उन्नति और तरक्की करने के भी कई अवसर प्राप्त होंगे। हालांकि नौकरीपेशा लोगों को इस वक्त कुछ ऐसा भी काम करने को दिया जा सकता है, जिनमें उनकी रुचि कम हो। मगर आप इस स्थिति से जल्द ही बाहर निकल आएंगे। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। यदि आप दांपत्य जीवन बढ़ाने की सोच रहे थे तो, उसके लिए समय बेहद शुभ है।
तुला राशि पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
शुक्र आपकी ही राशि के स्वामी माने जाते हैं। शुक्र आपके प्रथम भाव के स्वामी के साथ आपके अष्टम भाव के भी स्वामी माने जाते हैं। गोचर के वक्त शुक्र आपकी राशि के 12वें भाव में गोचर करेंगे। बिजनस के लिहाज से यह गोचर बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इसके साथ ही यदि आप, किसी मल्टी नैशनल कंपनी में काम करते हैं तो भी, आपके लिए ये गोचर बेहद शुभ रहने वाला है। आपको सलाह दी जाती है कि, खुद पर और अपनी योग्यता पर भरोसा रखते हुए ही, हर कार्य को सफलता पूर्वक करें।
मकर राशि पर शुक्र के गोचर का प्रभाव
शुक्र देव आपकी राशि के 5वें और 10वें भाव के स्वामी हैं। गोचर के दौरान यह आपकी राशि के 9वें भाव में गोचर करेंगे। इससे आपको अनुकूल फलों की प्राप्ति होगी। ज्योतिष में 9वें भाव को भाग्य का भाव कहा जाता है। इस भाव में गोचर होने से आपको भाग्य और कर्म दोनों का साथ मिलेगा। जो लोग नौकरी बदलने के बारे में काफी समय से सोच रहे हैं, उन्हें इस वक्त कुछ मौके मिल सकते हैं। खासतौर से नौकरी बदलने वाले जातकों को, भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, जिससे आपको कार्य से संबंधित यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है। आप अपनी मेहनत और समझ से, इस यात्रा से अच्छा लाभ भी अर्जित करने में सफल होंगे।
आज चंद्रमा धनु राशि में और गुरु भी धनु राशि में हैं और शनि मकर राशि में संचार कर रहे हैं। चंद्रमा और गुरु दोनों बहुत ही एक दूसरे से बहुत ही नजदीकी अंशों पर भ्रमण कर रहे हैं जिससे आसमान में दुर्लभ नजारा
यदि सूर्य गोचर में चंद्रमा को छोड़कर किसी ग्रह से निकट के अंशों में युति करे तो वह उनको अस्त करता है किंतु चंद्रमा समागम कर उनके गुणों को आत्मसात कर लेता है। मेदिनी ज्योतिष में चंद्रमा को जनभावनाओं का कारक कहा गया है जिसका धन के कारक ग्रह गुरु और राजनीति के ग्रह शनि से समागम सरकारी नीतियों से वस्तुओं की तेज़ी-मंदी ला सकता है।
बृहत्संहिता के 'शशिसमागम अध्याय' के अनुसार यदि समागम के समय चंद्रमा उत्तर दिशा की क्रांति वाला हो तब यह शुभ फल देता है लेकिन दक्षिण दिशा में गमन कर रहा हो तो अशुभ फलदायी होता है। पंचांग की गणना के अनुसार 21 अक्टूबर से चंद्रमा दक्षिण क्रांति वाला होकर गुरु से धनु राशि में 22 अक्टूबर को तथा शनि से मकर में 23 अक्टूबर को युति करेंगे और शनि के बहुत ही करीब दिखेंगे। संयोग से शनि और गुरु दोनों इस समय दक्षिण क्रांति में हैं तो यह समागम महंगाई बढ़ाने वाला होगा।
मकर राशि के प्रभाव में आने से खाद्य पदार्थों, आभूषणों, सोने और अनाज की कीमतें बढ़ सकती हैं। ऐसे में सरकार जनता को राहत देने के लिए जल्द ही नए आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकती है।