छत्तीसगढ़

चार दिव्यांग बच्चों के हौसलों को मिली उड़ान, खुले आसमान में घुम सकेंगे बाहर की दुनिया

Nilmani Pal
22 July 2022 2:18 AM GMT
चार दिव्यांग बच्चों के हौसलों को मिली उड़ान, खुले आसमान में घुम सकेंगे बाहर की दुनिया
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कवर्धा। कबीरधाम जिला मुख्यालय कवर्धा से लगभग 65 किलोमीटर दूर सुदूर वनांचल गांव तुरईयाबहरा के तीन दिव्यांग बच्चों के हौसलों को उस समय उड़ान मिली जब उन्हें उनके घर पर ट्रायसायकल मिली। चार बच्चें विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समाज के है। चारों बच्चें जन्म से दिव्यांग है। इन दिव्यांगजनों में तीन को ट्रायसायकल और एक बच्चे को व्हील चेयर प्रदान किया गया। ट्रायसायकल और व्हील चेयर मिलने के बाद कुमारी सुकरतीन बैगा, भादू बैगा, चैन सिंह बैगा और सुखिया बैगा के चेहरे में मुस्कान देखी गई। दिव्यांग भादू बैगा को उनके दिव्यंगता के आधार पर व्हील चेयर प्रदान किया गया।

दरअसल कलेक्टर जनमेजय महोबे को यह जानकारी मिली की जिला मुख्यालय से कोसो दूर सुदूर व दुर्गम पहाड़ियों के बीच बसे तुरइयाबहरा गांव में चार ऐसे बच्चे है जो जन्म से दिव्यांग है। चारों बच्चों को अब तक ट्रायसायकल नहीं मिली है। सभी बच्चे अब घर से निकलकर बाहर की दुनिया देखना चाहते है, लेकिन माता-पिता के पास ऐसे कोई संसाधन नहीं है कि जिसके भरोसे वह अपने बच्चों को बाहर की दुनियां का सैर करा सके। कलेक्टर ने बच्चों और उनके माता-पिता की समस्या को त्वरित संज्ञान में लेते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को शीघ्र ट्रायसायकल व व्हील चेयर प्रदान करने के निर्देश दिए। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूरे सफर तय कर ग्राम पंचायत के बेंदा के आश्रित गांव तुरइयाबहरा पहुंचे। अधिकारियों ने तुरईया के कुमारी सुकरतीन बैगा पिता तिहारी बैगा, भादु बैगा पिता तिहारी बैगा, चैन सिंह बैगा पिता तिहारी बैगा और सुखिया पिता श्री चैन सिंह के घर पहुंच कर ट्रायसायकल प्रदान किया। चारों बच्चों के माता-पिता ने कहा कि परिवार के बच्चों के लिए व्हील चेयर और ट्रायसायकल नहीं होने से बहुत परेशानी होती थी। कंधे में बैठाकर बच्चों को मेला-मड़ाई और बाजार घुमाने ले जाते थे। अब ट्रायसायकल मिलने से बच्चों के चेहरे में मुस्कान तो आई है साथ ही बच्चों के साथ-साथ हमारे भी समस्या का समाधान हो गया। बच्चों को बाहर की दुनिया दिखाने के लिए संसाधन मिलने से समस्या दूर हो गई। बच्चों के माता-पिता और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने इस सौगात के लिए छत्तीसगढ़ शासन और केबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर को प्रति आभार व्यक्त किया।

दिव्यांगजन ट्रायसायकल के लिए ग्राम सचिव, जनपद पंचायत व जिला कार्यालय में कर सकते हैं आवेदन

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि राज्य शासन द्वारा दिव्यांजनों को उनके दिव्यांगता के आधार पर अलग-अलग सहायक उपकरण व समाग्री समाज कल्याण विभाग द्वारा निःशुल्क वितरण की जाती है। 40 प्रतिशत या इससे अधिक के दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को उनके दिव्यांगता के स्वरूप और उनके कार्य प्रवृत्ति को देखते हुए सहायक उपकरण जैसे ट्रायसायकल ,व्हीच चेयर, बैशाखी, श्रवण यंत्र, वाकर, ब्लाईड स्ट्रीक, आदि उपकरण प्रदान किए जाते है। शासन की इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए दिव्यांगजन संबंधित ग्राम सचिव, जनपद पंचायत एवं सीधे जिला कार्यालय समाज कल्याण में उपस्थित होकर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।

सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को जिला अस्पताल में बनाया जाता है दिव्यांगता प्रमाणपत्र व नवीनीकरण एवं यूडीआईडी पंजीयन

समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री अरविंद कुमार सोनी ने बताया कि कबीरधाम जिले में 2011 के जनगणना के अनुसार कुल 20684 दिव्यांगजन निवासरत है। इन दिव्यांजनों को शासन की योजनाओं से जोड़ने के लिए उनका प्रमाणीकरण किया जाता है। कलेक्टर के निर्देशानुसार दिव्यांगजनों के सुविधा के लिए सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को जिला अस्पताल में दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाया जाता है तथा नवीनीकरण किया जाता है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के जिला कार्यालय अथवा जिला चिकित्सालय में दिव्यांगजनों का यूडीआईडी पंजीयन किया जाता है। जिले से ऐसे दिव्यांगजन जिनका प्रमाणीकरण व यूडीआईडी पंजीयन नहीं हुआ है वे निर्धारित दिनों में जिला चिकित्सालय में दिव्यांगता प्रमाण पत्र व नवीनीकरण करा सकते है। कार्यालयीन दिनों में समाज कल्याण विभाग कार्यालय में उपस्थित होकर अपना यूडीआईडी पंजीयन के लिए आवेदन दे सकते है। सभी प्रक्रिया आनलाईन की जाती है।

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