छत्तीसगढ़

जवानों ने नक्सलियों के मांद में घुसकर शहादत देते हुए झंडा गाड़ा है, जो कभी व्यर्थ नहीं जाएगा - कांग्रेस

Admin2
5 April 2021 3:19 PM GMT
जवानों ने नक्सलियों के मांद में घुसकर शहादत देते हुए झंडा गाड़ा है, जो कभी व्यर्थ नहीं जाएगा - कांग्रेस
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सीमित क्षेत्रों में घिर चुके नक्सलवादी अपना अस्तित्व बचाने में लगे हैं, इलाके को नक्सल मुक्त करने में तेजी लाई जाएगी, विकास कार्य नहीं रुकेगा, जवानों की शहादत निरर्थक नहीं जाएगी - कांग्रेस

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने टेकलागुड़ा गांव जिला बीजापुर बस्तर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में जवानों की शहादत पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है और इस घटना की निंदा करते हुए नक्सलियों द्वारा किये गये वारदात को कायराना निरूपित किया है‌। बीजापुर जिले में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 23 जवानों की मौत के पश्चात जांच को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं, भाजपा इसे राजनीतिक स्वरूप देने का प्रयत्न कर रही है जो ना सिर्फ दुर्भाग्य जनक है, अपितु शर्मनाक भी है। भाजपा के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं ने झीरम घाटी बस्तर में अपनी शहादतें दी है। उस पार्टी की सरकार के ऊपर उल - जलूल सवाल खड़ा कर राजनीति करना जवानों की शहादत का अपमान है। सच्चाई यह है कि राज्य में माओवादी कुछ इलाकों में ही सिमट कर रह गए हैं और वे केवल अपने अस्तित्व को बचाने में लगे हुए हैं, मौजूदा वारदात इसी का उदाहरण है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि भारत के गृह मंत्री अमित शाह को इसे छत्तीसगढ़ की समस्या नहीं समझना चाहिए बल्कि इसके लिए छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे अन्य प्रांतों से पनपने वाली नक्सली गतिविधियों पर संयुक्त रूप से अभियान चलाकर इसे नेस्तनाबूत करने की योजना बनाकर सख्ती से अमल करने पर बल देने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ की सरकार अपने स्तर पर इस घटना की जांच कराएगी। 23 जवानों की दुर्भाग्य जनक शहादत ना रणनीतिक चूक है और ना ही खुफिया तंत्र की विफलता है यह तो उनके गढ़ में हुए घंटों की सीधी मुठभेड़ का नतीजा है। जवानों की शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाएगी।सीमा क्षेत्रों में ही अब नक्सली बचे हुए हैं और उनके मांद में घुसकर जवानों ने शहादत देते हुए अपना झंडा गाड़ा है। नक्सलियों को अब राज्य के अंतिम छोर पर अपना इलाका बचाना मुश्किल हो गया है टेकलागुड़ा गांव बीजापुर और सुकमा जिले के सरहद पर बसा क्षेत्र है, जहां यह मुठभेड़ हुई है और यह राज्य की सीमा से लगा हुआ है। खबरों के जरिए पता चला है कि माओवादियों ने राकेट लांचर सहित अन्य आधुनिक हथियारों का उपयोग किया है जो चिंता का विषय है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ढाई वर्षो की सरकार में नक्सली घटनाओं की निरंतरता में कमी आई है। बड़ी तादाद में नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है तथा अंचल में सामान्य जीवन बहाल हुआ है। बंद पड़े स्कूलों को खोला गया है और बस्तर के दूरस्थ जंगल के गांवों-कस्बों एवं टोलों-मोहल्लों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में चल रहा विकास कार्य रुकेगा नहीं बल्कि और मजबूती और तत्परता से चलेगा। नक्सलियों से मुठभेड़ में हुई शहादत निरर्थक नहीं जाएगी। कठोरता से नक्सली अभियान को समाप्त करने में और तेजी लाई जाएगी, जन कल्याण के कार्य तेज गति से चलेंगे और बस्तर के सीमावर्ती इलाकों को नक्सल मुक्त किया जाएगा।

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