छत्तीसगढ़

छोटे भाई को जन्मदिन की बधाई देकर सर्चिंग पर निकला था जवान, थोड़ी देर बाद आई शहीद की खबर

Nilmani Pal
19 April 2024 11:45 AM GMT
छोटे भाई को जन्मदिन की बधाई देकर सर्चिंग पर निकला था जवान, थोड़ी देर बाद आई शहीद की खबर
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छग न्यूज़

जगदलपुर। आज कोतवाली थाना क्षेत्र के धोबीगुड़ा में रहने वाले देवेंद्र सेठिया यूबीजीएल ब्लास्ट में शहीद हो गए। शहीद जवान के पार्थिव शरीर को पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज डिमरापाल लाया गया, जहां शनिवार को पीएम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि शहीद जवान के छोटे भाई का आज जन्मदिन भी है, जिसे सुबह मैसेज किया था, लेकिन दोपहर के बाद अचानक से घर में कांस्टेबल के शहीद होने की जानकारी लगते ही परिजनों में शोक की लहर छा गई। मामले की जानकारी देते हुई पुलिस ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम गलगम में सीआरपीएफ की एक पार्टी एरिया डोमिनेशन के लिए निकली थी, इसी दौरान यूबीजीएल ब्लास्ट होने से कॉस्टेबल देवेंद्र के पैर, कमर और हाथ मे गंभीर चोट आई।

उसे बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया , गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेकाज हेलीकाफ्टर की मदद से भेजा गया। मेकाज पहुँचने से पहले देवेंद्र सेठिया शहीद हो गए। घटना की जानकारी लगते ही परिजनों से लेकर घर परिवार में शोक की लहर छा गई, वहीं जवान के पार्थिव शरीर को पीएम के लिए मेकाज में रखवाया गया है।

शहीद कांस्टेबल देवेन्द्र सेठिया के परिजनों ने बताया कि वर्ष 2013 में देवेंद्र ने सीआरपीएफ ज्वाइन किया था, उसके बाद कई वर्ष तक असम में पदस्थ रहने के बाद करीब 2 वर्ष पहले भद्राचलम में सीआरपीएफ बटालियन में रहने के बाद करीब 8 माह पहले 196 बटालियन बीजापुर गया। जनवरी में दियारी त्यौहार होने के कारण करीब 1 माह की छुट्टी लेकर आया हुआ था, फिर वापस अपने ड्यूटी बीजापुर चला गया। 19 अप्रैल की सुबह अपने छोटे भाई योगेंद्र को फोन पर जन्मदिन का संदेश भी भेजा उजक़े बाद अपने साथियों के साथ सर्चिंग पर चला गया।

शहीद कॉन्स्टेबल देवेंद्र सेठिया के पिता महेश सेठिया का निधन करीब 2021 में कोविड के दौरान हुआ था, जिसके बाद से घर की जिम्मेदारी देवेंद्र के ऊपर ही थी, जबकि छोटा बेटा योगेंद्र घर में रहकर खेती किसानी का काम देख रहा था, शहीद जवान की बड़ी बहन के बाद देवेंद्र था, उसके बाद अन्य भाई बहन भी है।

शहीद कॉन्स्टेबल देवेंद्र अविवाहित था। देवेंद्र अपने पुराने घर की जगह नए घर को बनाने में था, वही परिवार वाले उसके शादी करने की बात भी कह रहे थे।

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