छुटभैया चूजा नेता अपने कृत्य से कर रहा पार्टी नेताओं की छवि धूमिल
नैय्या डूबाने वाले छुटभैया चूजा नेता से सब परेशान
पार्टी के अंदर आवाज भी उठ रही है कि इस छुटभैया चूजा नेता का पर कतरा जाये
अपने जन्म दिन का विज्ञापन छपवा कर छुटभैया चूजा नेता भुगतान नहीं कर रहा है
हाईकमान से आने वाले नेताओं के पास यहाँ के नेताओं की शिकायत भी करता है
महादेव ऐप के कर्ताधर्ताओं से भी नजदीकी है इस छुटभैया चूजा नेता की
रायपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के नक़्शे कदम पर बीजेपी के छुटभैया चूजा नेता के चलने से विष्णुदेव साय vishnu dev sai की सरकार बदनाम हो रही है। छुटभैया चूजा नेता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है बल्कि प्रेस में फोन कर धमका भी रहा है। फ्री फ़ोकट में जन्म दिन का विज्ञापन अखबारों में छपवाकर पैसा नहीं देना और होटलों में पार्टी कर होटल वालो को भुगतान नहीं करना इस छुटभैया चूजा नेता की आदत में शुमार हो गया है। होटल वाले और प्रेस वाले भी अब इस छुटभैया चूजा नेता से कतराने लगे हैं। जल्द से जल्द इस वहुतभैया चूजा नेता का पर नहीं कतरा गया तो एक दिन छत्तीसगढ़ में बीजेपी को परेशानी उठानी पड़ सकती है। कोई बोलने वाला नहीं है इसी का फायदा छुटभैया चूजा नेता उठा रहा है। और तो और बीजेपी के कद्दावर नेता के नाम से उगाही भी करने की सुचना मिल रही है।
BJP सूत्र यह भी बताते हैं की उक्त छुटभैया चूजा नेता का महादेव सट्टा ऐप वालों से भी नज़दीकी थी भूपेश बघेल की सरकार में बीजेपी के बड़े नेताओ से सम्बन्ध है कहकर सटोरियों से भी अच्छा सम्बन्ध बना लिया था इस छुटभैया चूजा नेता ने। यही काम कांग्रेस सरकार के रहते छुटभैये कांग्रेसी नेताओ ने किया था और एक दिन उनके इस कारनामे से कांग्रेस की सरकार ही भसक गई। कांग्रेस Congress में कई पदाधिकारी थे जो अखबारों में विज्ञापन Advertisement छपवाकर उसे नेताओं को दिखाते थे और भुगतान की बारी आती थी तो साफ तौर पर मुकर जाते थे, जनता से रिश्ता के पास सभी कांग्रेस नेताओं की सूची है जिसमे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के जन्म दिन पर विज्ञापन तो छपवा लिया लेकिन आज तारीख तक भुगतान नहीं हो पाया जिसमे कुछ नेता भाजपा में भी शामिल हो गए हैं।
कल के अंक में उन नेताओ की सूचि भी प्रकाशित होगी जिसमे उनको कितनी राशि का भुगतान किसे करना है लिखा हुआ है। कमोबेश यही हाल अब भाजपा में भी हो गई है। कुछ भाजपाई छुटभैया चूजा नेता जो मंत्री विधायक के इर्दगिर्द रहकर अधिकारियो पर धौंस जमाते हैं और अपना उल्टा सीधा काम के लिए दबाव बनाते हैं। भाजपा में एक छुटभैया चूजा नेता कुछ इसी प्रकार का है जिसकी विचारधारा कांग्रेसियों से मिलती जुलती है हालांकि वह शुरू से भाजपाई ही रहा है और रायपुर के कद्दावर भाजपा नेता के करीब ही घूमता रहा है। और उनको भी चूना लगाने और बदनाम करने में पीछे नहीं रहा वह छुटभैया चूजा नेता । इसी कारण वरिष्ठ भाजपा नेता से मिली लताड़ के बाद वह चूजा नेता तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के आसपास भी मंडराने लगा था, लेकिन समय रहते डा रमन सिंह ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। जब भी कोई राष्ट्रीय नेता का रायपुर आगमन होता है तो किसी तरह से वह चूजा नेता जुगाड़ करके एयरपोर्ट पर अगुवानी के लिए अपना नाम जुड़वा लेता है। और केंद्र के मंत्रियों और नेताओं को छत्तीसगढ़ के नेताओं के बारे में भी गलत जानकारी देता है यह छुटभैया चूजा नेता। इन्ही फोटो को दिखाकर अधिकारियों पर धौंस जमाता है। अपनी गाडिय़ां भी सरकारी दफ्तरों में अटैच करवा लिया है।
उक्त चूजा नेता की गतिविधियां ऐसी ही रही तो भाजपा के नेताओं के लिए विरोधियों की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो खुद आस्तीन के सांप पाल रहे हैं ऐसा माना जा रहा है। गौरतलब है कि उक्त छुटभैया उक्त चूजा नेता चाटुकारिता कर भाजपा के कद्दावर नेता के नजदीक हो गया है। ऐसे तथाकथित छुटभैया चूजा नेता से भाजपाइयों को सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो ये चूजा नेता बीच मंझधार में नैया डूबाने में देर नहीं करेंगे। भाजपाई सूत्र बताते हैं कि अभी वह छुटभैया चूजा नेता सीएम के नजदीकी बनने की कोशिश कर रहा है। अगर सही ढंग से जांच की जाए तो बहुत बड़ा विज्ञापन घोटाला सामने आ सकता है। कई अखबारों को वह लाखों रूपये का चूना लगा चुका है। अपने नेता का विज्ञापन छपवाने के लिए वह लोगों से पैसा उगाही कर विज्ञापन तो छपवा लेता है लेकिन भुगतान करने में हीलाहवाला करता है और अंत में भुगतान करता ही नहीं। मजे की बात अपने जन्मदिन का भी विज्ञापन फुलपेज के का छपवाता है लेकिन भुगतान नहीं करता। जनता से रिश्ता में भी चूजा नेता ने अपने जन्म दिन विज्ञापन प्रकाशित करवाया है लेकिन आज तक भुगतान नहीं किया। भुगतान मांगने पर नेताओं के नाम से धमकी भी देता है। जनता से रिश्ता प्रेस में फोन कर धमकी चमकी भी कर रहा है। सट्टा माफियाओं से और महादेव ऐप के कर्ताधर्ताओं से दोस्ती कर किसी को भी धमकाने में पीछे नहीं रहता। अखबारवालों को लगता है की भाजपा के कद्दावर से नजदीकी है भुगतान हो जायेगा लेकिन छापने के बाद अपनी असलियत दिखा देता है इससे निश्चित तौर परलोकप्रिय कद्दावर नेता की बदनामी होती है। ऐसे छुटभैया चूजा नेता आकाश की ऊंचाइयों में जल्दी पहुंचना चाहता है उससे दूरी बना लेना चाहिए। ये छुटभैया नेता ने विज्ञापन छपवाकर अखबार के प्रतिनिधियों से दूरी बनाए रखने को अपनी होशियारी समझता है।
राजनीति में अपने नेताओं के जन्मदिवस पर विज्ञापन देने के लिए हलचल तो मचती ही है परेशानी तो तब होती है जब विज्ञापन का भुगतान नहीं होता। इस अवसर को हर नेता खोना नहीं चाहते थे और बड़ा बड़ा विज्ञापन अखबारों में देकर अपने नेता के नजदीकी बनने की होड़ मचती है। छुटभैया ऐसा मौका खोना नहीं चाहते। बड़े अखबारों में तो पहले भुगतान मिलने के बाद ही राजनैतिक विज्ञापन का प्रकाशन किया जाता है लेकिन छोटे और मझोले अखबार में बाद में भुगतान मिलने की उम्मीद में विज्ञापन प्रकाशित कर देते हैं अंत में उन्हें भुगतान नहीं मिलता। लेकिन ये छुटभैया नेता विज्ञापन की वसूली कर अपनी जेबें भर लेता है और अखबारों को भुगतान नहीं करता। कई अखबार वालो ने सामूहिक रूप से सीएम सहित संगठन में भी शिकायत करने की योजना बनाई है। उसे इस सम्बन्ध में मोबाइल भी लगाया जाता है किन्तु उनका मोबाईल बंद बताता है या अखबारनवीशों का नंबर ब्लॉक कर देते हैं। और सिर्फ आकाश में उडऩा उसका ख्वाब हो गया है। छुटभैया चूजा नेता की तरफ से दिए गए विज्ञापन के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह अटकलें लगनी शुरू हो जाती है। इस सियासी घटनाक्रम से जुड़ी बड़ी और प्रमुख बात तो यही रहती है की विज्ञापन देकर किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं का नजदीकी हासिल कर लें और निगम मंडल या टिकट के दावेदारों में अपना नाम जुड़वा लें लेकिन परेशानी तब पैदा होती है जब वे उन के द्वारा दिए गए विज्ञापनों का भुगतान ही रोककर उन अखबारों से दुश्मनी मोल ले लेते हैं। छुटभैये नेता तरह-तरह के विज्ञापन देते हैं जिसमे वे मुख्यमंत्री या अपने पार्टी के बड़े नेताओ का महिमामंडन करते नहीं थकते । लेकिन भुगतान के नाम पर अखबार वालों को धेला तक नहीं देते।