बर्खास्त आरक्षक ने एसपी को दी धमकी: रायफल चलाना जानता हूं...पुलिस महकमें में मचा हड़कंप
छत्तीसगढ़ के सुकमा में CRPF जवान ने अपने 4 सिपाहियों को गोली से भून दिया था. इस घटना को हफ्ताभर भी नहीं हुआ हुआ है. अब ऐसी ही खुली धमकी देवास (Dewas) के एक पूर्व आरक्षक ने पुलिस अधीक्षक (SP) शिव दयाल सिंह गुर्जर को दे दी है. पूर्व आरक्षक ने कोतवाली थाना प्रभारी के नाम एसपी को चिट्ठी भेजी है. उसमें लिखा है कि मैं भी थ्री नॉट थ्री, इंसास रायफल, ग्रेनेड सब चलाना जानता हूं इसमें कई पुलिस वाले और नागरिक मारे जा सकते हैं. क्या है पूरा माजरा खबर में पढ़िए.
देवास में एक पूर्व आरक्षक मोहन सिंह चौहान ने एसपी को एक आवेदन दिया है. ये आवेदन कम धमकी ज्यादा है. मामला ये है कि मोहन सिंह की बाइक पिछले दिनों कोतवाली पुलिस ने जब्त कर ली थी. वो शराब पीकर बाइक चला रहा था. मामला कोर्ट में है. तब से उसने न तो जुर्माना भरा और न ही कोर्ट से छुड़वाई. इससे परेशान होकर पूर्व आरक्षक ने धमकी भरा आवेदन एसपी को भेज दिया. इससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. अपनी जब्त बाइक छुड़वाने के लिए पूर्व आरक्षक मोहन सिंह का आवेदन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. उसने आवेदन में एसपी को धमकाते हुए लिखा है कि मेरी बाइक 6 अप्रैल 2021 से कोतवाली में खड़ी है. भारतीय संविधान के तहत सभी नियमों का पालन करते हुए अथक प्रयास करने के बाद भी प्रार्थी न्याय से वंचित हो रहा है. बाइक बेवजह खड़ी है. प्रार्थी पुलिस विभाग का पूर्व आरक्षक है. विभाग के सभी प्रकार के हथियार खोलना, जोड़ऩा, चलाना, शिकारी पोजिशन, स्टैंड अप प्रशिक्षण जानता है. मैंने रुस्तमजी पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर में ट्रेनिंग ली है. यदि उसकी बाइक नहीं दी गई तो विभाग के सरकारी हथियार ऑटोमेटिक राइफल, इंसास, एसएलआर, पिस्टल, थ्री नॉट थ्री या हैंड ग्रेनेड इन सभी हथियारों में से किसी एक का उपयोग करते हुए बाइक छुड़ाने के लिए बाध्य हो रहा हूं. इसमें कई पुलिसकर्मी और आम नागरिक मारे जा सकते हैं. आवेदन एसपी कार्यालय में आवज-जावक शाखा में दिया गया है.
मोहन सिंह ने ये चिट्ठी थाना प्रभारी के नाम लिखी है. डीएसपी किरण शर्मा ने बताया मोहन सिंह 32 बटालियन विशेष सशस्त्र बल उज्जैन में तैनात था. लेकिन वर्ष 2019 में शराब पीने और ड्यूटी से गैर हाजिर रहने के कारण बर्खास्त किया चुका है. 6 अप्रैल 2021 को ये रामनगर चौराहे पर शराब पीकर गाड़ी चला रहा था. मोहन सिंह के खिलाफ शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी. मोहन सिंह ने जब आवेदन दिया था तो उसकी मन:स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन बाद में उसने आवेदन देकर माफी मांग ली.