छत्तीसगढ़

राजधानी की सड़कों की मशीनों से होगी सफाई

Admin2
13 March 2021 6:00 AM GMT
राजधानी की सड़कों की मशीनों से होगी सफाई
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एमआईसी की बैठक में चार एजेंडे स्वीकृत

मशीनों का संज्ञान लेकर जनता से रिश्ता ने

चार माह पहले ही प्रकाशित की थी खबर

रायपुर (जसेरि)। निगम की एमआईसी की बैठक में तय चार एजेंडों पर चर्चा हुई और सभी पर सहमति बन गई। शहर की टू, फोर लेन और उससे ज्यादा चौड़ी सड़कों की मशीन से सफाई का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। शहर की 84.99 किलोमीटर लंबी सड़कों की सफाई मशीनों से होगी। इसके लिए हर महीने 92.68 लाख और चार साल में करीब 47.93 करोड़ खर्च होंगे। पालिका बाजार योजना के तहत छोटापारा जनता कालोनी गार्डन का पुनर्विकास संचालन और विज्ञापन एजेंसियों के पंजीयन शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव भी पास किए गए।

गोलबाजार के दुकानों की रजिस्ट्री

गोलबाजार के 900 से ज्यादा दुकानदारों की रजिस्ट्री किस रेट पर होनी चाहिए, शुक्रवार को महापौर परिषद (एमआईसी) में जोरदार बहस के बाद इस पर सहमति बन गई है। गोलबाजार में रजिस्ट्री के रेट को लेकर आने वाली विसंगतियों को लेकर विवाद गहरा चुका है।यह बातें आ रही थीं कि बड़ी दुकानों की रजिस्ट्री जिस रेट पर होगी, उसी पर छोटी दुकानों की रजिस्ट्री हुई तो इस वर्ग को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। यही नहीं, गोलबाजार चूंकि तीन तरफ सड़कों से घिरा है और तीनों ही सड़कों की मार्केट वैल्यू अलग है, तब ऐसे में मालवीय रोड का रेट चूड़ीलाइन या पेटी लाइन की सड़क के रेट के बराबर रखना भी बाद की दोनों सड़क के दुकानदारों पर भारी पड़ जाएगा। इन सभी मुद्दों को लेकर तय हुआ कि साइज, ऊंचाई और लोकेशन की वैल्यू के हिसाब से रजिस्ट्री के रेट तय होंगे, ताकि छोटे दुकानदारों को नुकसान बिलकुल नहीं हो। गोलबाजार के 960 कारोबारियों को उनकी दुकानों का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तुंहर सरकार, तुंहर द्वार अभियान के दौरान गोलबाजार की दुकानों की नापजोख रुकी हुई थी, जो फिर शुरू हो गई है। गोलबाजार में दुकानों की रजिस्ट्री को लेकर शासन ने न सिर्फ सहमति दी है, बल्कि वहां की जमीन निगम को 1 रुपए के टोकन रेट पर ट्रांसफर भी कर दी है। मसला केवल दुकानों के रजिस्ट्री रेट का ही है। इस मुद्दे पर बैठक में महापौर एजाज ढेबर ने सभी एमआईसी सदस्यों से उनकी राय ली।यह बात सामने आई कि गोलबाजार में ज्यादातर कारोबारियों ने अनुमति के बगैर दो-तीन मंजिला तक पक्के निर्माण कर लिए हैं, जिससे उनकी प्रापर्टी की वैल्यू बढ़ गई है। यही नहीं, मुख्य सड़क के 20 मीटर के भीतर और ज्यादा दूरी पर गाइडलाइन रेट में भी काफी अंतर है। रेट तय करते समय यह सारी बातें ध्यान में रहनी चाहिए।

सरकारी जमीनों पर खेल मैदान

बैठक के दौरान महापौर ढेबर ने इस माह अंत तक पेश होने वाले बजट पर एमआईसी सदस्यों से सुझाव मांगे। किसी ने निगम की सरकारी जमीन को कब्जामुक्त कर या फिर खाली जगह को खेल मैदान के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। शहर के वरिष्ठ और सम्माननीय व्यक्तियों की स्मृति में उनकी प्रतिमाएं स्थापित करने का भी सुझाव आया। भैंसथान की खाली जमीन को लेकर सुझाव दिया गया कि तात्यापारा, रामसागार पारा, समता कालोनी, आमापारा, बंजरंग नगर सहित आसपास के बड़े इलाके के लिए आधी जमीन पर गार्डन-ऑक्सीजोन डेवलप कर दिया जाए।

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